हम सभी को हमारी ज़िन्दगी हमारे तरीके से जीना पसंद होता है, फिर वो चाहे हमारी ज़िन्दगी से जुड़े फैसले हों या फिर हमारी ज़िन्दगी ही क्याेें न हो. हम सभी चाहते हैं कि हमारी ज़िन्दगी में हम जैसा चाहें वेसा ही हो, लेकिन ऐसा ज़िन्दगी को मंज़ूर नहीं होता. वो कहते हैं न ज़िन्दगी अपने रस्ते खुद बनती है आपको तो उस पर सिर्फ चलना पड़ता है. ऐसी ही मेरी भी कहानी है जो आज में आप सभी को बताने जा रहा हूँ. वेल मेरा नाम अभिनव है और मैं सहारनपुर का रहने वाला हूंं, लेकिन फिलहाल में दिल्ली द्वारिका में रहता हूं.