Today In History: क्या आप जानते हैं कि हम ग्रेगोरियन कैलेंडर का ही इस्तेमाल क्यों करते हैं, नहीं तो इस खबर को पढ़िए

नई दिल्ली. इतिहास (History) के पन्नों को पलटेंगे तो कई ऐसी रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आएंगे जिन्हें पहले कभी नहीं जानते थे. 26 दिसंबर (26 december 2022) को पूरी दुनिया में बेहद खास घटनाएं घटी जिन्हें जानना हर नागरिक के लिए जरूरी है. बहुत सी घटनाएं बेहद सुखुद रहीं तो बहुत से हादसों में पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया. यूपी सिटी आपको 26 दिसंबर के इतिहास को आपके सामने रखने जा रहा है. जो बेहद महत्वपूर्ण है. क्या है ग्रेगोरियन कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपने आप में बहुत खास होते हैं. इसमें वर्ष के खास त्यौहार, खास छुटियाँ, अपना और अपने दोस्तों का जन्मदिन, महशूर हस्तियों की जयंती या पूण्यतिथि, विशेष दिन और मौसम बदलने आदि की जानकारी दी जाती है. इसलएि दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रेगोरियन कैलेंडर का ही इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं क्या खास है इस कैलेंडर में... ग्रेगोरियन कैलेंडर का इतिहास सन 1582 में पोप ग्रेगोरी 13वे ने इस कैलेंडर की शुरुआत की थी. उनके नाम से ही इस कैलेंडर का नाम ग्रेगोरियन कैलेंडर पड़ा. इस कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी साल का पहला दिन होता हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से साल के 365 दिन होते हैं, लेकिन हर चौथे साल में 1 दिन बढ़कर साल के 366 दिन हो जाते हैं. और ऐसे साल को लीप वर्ष कहा जाता हैं. सूर्य पर आधारित ये पंचांग 400 सालों बाद फिर दोहराया जाता हैं. जऔर इन 400 सालों में 303 सामान्य वर्ष होते हैं. और 97 लीप वर्ष होते हैं. 303 सामान्य वर्षों में 365 दिन होते हैं, जबकि 366 दिन वाले वर्ष 97 होते हैं. गलतियों को सुधारा गया आपको बता दे कि, ग्रेगोरियन कैलेंडर से पहले जुलियन कैलेंडर प्रचलन में था. लेकिन उस कैलेंडर में बहुत सी गलतियाँ थी. उन गलतीयों को दूर कर के पोप ग्रेगोरी ने इस कैलेंडर को बनाया. 1582 में जब पोप ग्रेगोरी ने इस कैलेंडर का संशोधन किया, तब संशोधित कैलेंडर में से 10 दिन निकाल दिए गए थे. उस साल को 10 दिन छोटा कर दिया गया था. उस साल 5 अक्टूबर के बाद अगली तारीख 15 अक्टूबर रख दी गई थी. वैज्ञानिक रोजर बेकन और सेंट बीड का भी बड़ा योगदान ग्रेगोरियन कैलेंडर को पोप ग्रेगोरी 13वे ने बनाया हैं, लेकिन इसमें संत बीड और वैज्ञानिक रोजर बेकन का भी बड़ा योगदान हैं. संत बीड ने सबसे पहले एक साल की ठीक-ठीक समय अवधि निकालकर पूरे विश्वास के साथ बताई. उन्होंने 8वीं शताब्दी में अपने शोधकार्य से यह निष्कर्ष दिया कि, एक साल में 365 दिन और 6 घंटे नहीं, बल्कि 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और कुछ सेकेंड होते हैं. 26 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ -शेक्सपियर ने 1606 में अपने लोकप्रिय नाटक किंग लियर को पहली बार इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम के दरबार में पेश किया था. -फ्रांस और ऑस्ट्रिया के बीच दक्षिणी हाॅलैंड को लेकर समझौते पर 1748 में हस्ताक्षर किये गये. -दिल्ली से मुंबई के बीच देश की पहली क्राॅस कंट्री मोटरकार रैली का 1904 में उद्घाटन. -तुर्की में 1925 में ग्रेगोरियन कैंलेडर अपनाया गया. -भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 1925 में स्थापना. -पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 1978 में जेल से रिहा किया गया. -उड़ीसा की प्रमुख पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) की 1997 में स्थापना वरिष्ठ राजनेता बीजू पटनायक के पुत्र नवीन पटनायक ने की. -संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिक्षद ने 2002 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ़ कांगो में पुन: संघर्ष शुरू होने की सूचना दी. -शेन वार्न ने 2006 में अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट लेकर इतिहास रचा. -चीन की राजधानी बीजिंग से ग्वांग्झू शहर तक बनाए गए दुनिया के सबसे लंबे हाई स्पीड रेलमार्ग को 2012 में खोला गया. 26 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति -18 वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवियों में से एक थॉमस ग्रे का जन्म 1716 में हुआ. -स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद उधम सिंह का जन्म 1899 में हुआ. -विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, मुख्‍यत: कुष्‍ठरोगियों की सेवा के लिए विख्‍यात बाबा आम्टे का जन्म 1914 में हुआ. -प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद का जन्म 1919 में हुआ. -गुजराती साहित्यकार तारक मेहता का जन्म 1929 में हुआ. -भारतीय समाज सेवी महिला माबेला अरोल का जन्म 1935 में हुआ. -प्रसिद्ध संत-महात्माओं में से एक विद्यानंद जी महाराज का जन्म 1935 में हुआ. -प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता तथा चिकित्सक प्रकाश आम्टे का जन्म 1948 में हुआ. -वैदिक परम्परा के प्रमुख बुद्धिजीवी राम स्‍वरूप का जन्म 1998 में हुआ. 26 दिसंबर को हुए निधन -मुग़ल सम्राट बाबर का निधन 1530 में हुआ. -कवि का कलकत्ता(अब कोलकाता) हेनरी लुईस विवियन डेरोजियो का निधन 1831 में हुआ. -भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी, लेखक तथा समाजशास्त्री भूपेंद्रनाथ दत्त का निधन 1961 में हुआ. -‘गाँधी स्मारक निधि’ के प्रथम अध्यक्ष, गाँधीवादी नेता, स्वतंत्रता सेनानी और पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री गोपी चन्द भार्गव का निधन 1966 में हुआ. -हिन्दी के यशस्वी कथाकार और निबन्ध लेखक यशपाल का निधन 1976 में हुआ. -भारत की महिला क्रांतिकारियों में से एक बीना दास का निधन 1986 में हुआ. -भारत के नवें राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का निधन 1999 में हुआ. -समकालीन हिन्दी कविता के महत्त्वपूर्ण कवि पंकज सिंह का निधन 2015 में हुआ.