इस तरह आने वाली पीढ़ी के लिए पानी को कर सकते हैं संरक्षित, बहुत आसान है ये तरीका, जानें क्या होता है सोख्ता गड्ढा

sokhta gaddha kya

लखनऊ. पानी हम सबके लिए कितना अहम है और आने वाली हमारी पीढ़ी के लिए कितना जरूरी है इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं, लेकिन क्या कोई इसके लिए पहल कर रहा है. हां ये कहा जा सकता है कि बहुत से लोग कर रहे हैं लेकिन इसकी संख्या अभी कम है. क्या आप जानते हैं कि एक गड्ढा जो की बेकार हुए पानी को पुनः भूमि के भीतर पहुंचाने का कार्य करता है. इसको घरों में भी बनाया जा सकता है. यह सोख्ता गड्ढा हैण्डपम्पो के पास बनाया जाए तो बहुत लाभ होता है. आई बनाने की विधि के बारे में जानते हैं.

1.सोख्ता गड्ढा वहीँ बनायें जहाँ पानी वेस्ट होता हो. 2. सोख्ता गड्ढा की लम्बाई,चोड़ाई और गहराई =1मीx1मीx1मी. 3. इस गड्ढे के बीचो बीच 6 इंच व्यास का 15 फीट का बोर करे. 4. अब इस् बोर में पिल्ली ईंटों (नरम ईंटों) की रोड़ी भरें. 5. अब नीचे 1/4 भाग में 5 इंच x 6 इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े,फिर. 1/4 भाग में 4 इंच x 5 इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े भर देते है. 6. शेष 1/4 भाग में बजरी (2इंचx2इंच साईज़) भर देते है. 7. अब 6 इंच की एक परत मोटे रेत की बना देते है. 8. एक मिट्टी का घड़ा या पलास्टिक का डिब्बा लेकर उस में सुराख कर देते है फिट उस में नारियल की जटाएं या सुतली जूट भर देते है यह इसलिए कि पानी के साथ आने वाला ठोस गंद उपर ही रह जाएगा और कभी कभी सफाई करने के लिए भी सुविधा हो जाएगी. 9. अब निकास नाली को इस घड़े या डिब्बे के साथ जोड़ देते है वेस्ट पानी इस में सबसे पहले आएगा. 10. खाली बोरी से गड्ढे को ढक देते है. 11. बोरी के उपर मिट्टी डाल कर गड्ढे को ईंटों से बंद कर देते है. 12. अब तैयार हो गया सोख्ता गड्ढा ..अब यह गड्ढा प्रतिदिन लगभग 500 लीटर बेकार पानी को 5-6 सालों तक सोख्ता रहेगा.

ड्ढे की गहराई एक मीटर से कम ना हो क्यूँकी 0.9 मीटर तक जमीन में एरोबिक जीवाणु aerobic bacteria होते है ये जीवाणु वेस्ट पानी के कार्बनिक पदार्थों का विघटन करते है और पानी को स्वच्छ करते है. गड्ढे की लम्बाई चोड़ाई बढाई जा सकती है पर गहरी 1 मी. से अधिक ना हो क्यूंकि एरोबिक जीवाणु 0.9 मी. से नीचे वायु के आभाव में जीवित नहीं रहते और तब जीवाणु द्वारा होने वाली प्रक्रिया नहीं हो पाती और गन्दा जल ही जमीन में चला जाएगा.