नई दिल्ली. शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने सोमवार को उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि वे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन से पीछे हट गए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया था. साक्षी मलिक कहा कि "यह खबर पूरी तरह से गलत है. इंसाफ की लड़ाई में हममें से कोई भी पीछे नहीं हटा है और न ही हम होंगे. मैं सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपना दायित्व निभा रहा हूं। न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर न फैलाएं.'
वही बजरंग पुनिया ने कहा कि "आंदोलन वापस लेने की खबर सिर्फ एक अफवाह है. ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं. हम न तो पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों द्वारा एफआईआर करने की खबर भी झूठी है. न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी." सेवा की," पुनिया ने ट्वीट किया. गौरतलब है कि 28 मई को उनके जंतर मंतर विरोध स्थल से बेदखल, मलिक, पुनिया और विनेश फोगट ने भारतीय रेलवे में काम फिर से शुरू कर दिया है. उत्तर रेलवे मुख्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मलिक 31 मई को नई दिल्ली में अपने बड़ौदा हाउस कार्यालय में शामिल हुईं.
जिसके एक दिन बाद हरिद्वार में भारी ड्रामा हुआ, जहां तीनों ने देर से हस्तक्षेप के बाद गंगा में अपने अंतरराष्ट्रीय पदकों को विसर्जित करने से रोक दिया. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष नरेश टिकैत.
31 मई के एक पत्र में, मलिक ने क्रिकेट (पुरुष), बैडमिंटन (पुरुष), भारोत्तोलन, बास्केटबॉल (पुरुष), वॉलीबॉल (पुरुष), कबड्डी (पुरुष), कुश्ती, मुक्केबाजी (पुरुष) में रेलवे अंतर-मंडल चैंपियनशिप के संचालन को मंजूरी दी. ), एथलेटिक्स (पुरुष), और हॉकी (पुरुष). एचटी के पास मंडल खेल अधिकारियों, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय और उत्तर रेलवे के सभी पांच मंडलों- अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ और मुरादाबाद को भेजे गए पत्र की एक प्रति है.