प्रयागराज के संगम तट पर लगे आस्था के माघ मेले में सात समंदर पार से आये विदेशी सैलानी भारतीय योग विद्या का प्रचार करते नज़र आ रहे हैं. करीब सौ विदेशी सैलानियों की टोली संगम की रेती पर रोजाना क्रियायोग की पाठशाला में हिस्सा लेती है. माघ मेले क्षेत्र के क्रिया योग शिविर में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए देश विदेश से आये श्रद्धालु हर रोज़ क्रिया योग करते नज़र आते हैं.
शिविर के महंत योगी सत्यम का कहना है कि क्रिया योग के प्रति इन विदेशियों की आस्था और लगाव मेले में आए श्रद्धालुओं पर ज़बरदस्त असर कर रही है और लोग भारत की इस पुरानी विद्या से जुड़ने का संकल्प ले रहे हैं. शिविर में आये सभी श्रद्धालुओ का कोविड जांच भी करवाया गया है और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव भी आई है.
प्रयागराज के माघ मेले में इस तरह की अनूठी पाठशाला तकरीबन रोज़ ही चलती रहती है. इस पाठशाला में करीब सौ विदेशी सैलानी उस योग विद्या का प्रदर्शन करते हैं जिसे अपनाकर हमारे ऋषि- मुनि और पूर्वज न सिर्फ खुद को चुस्त- दुरुस्त रखते थे बल्कि अपने जीवन को खुशहाल भी बनाते थे.
मौजूदा दौर में जब हम अपनी इस विरासत को भूल से गए हैं तो ऐसे वक्त में सात समंदर पार से आए विदेशी सैलानी हमें बेहतर ज़िंदगी बिताने के लिए योग के नायब नुस्खे को अपनाने की नसीहत दे रहे हैं. ये सैलानी इस पाठशाला के ज़रिये यह बताते हैं कि योग विद्या से जुड़ने के बाद उनकी ज़िंदगी में किस तरह का बदलाव आया और उन्हें इसका कितना फायदा हुआ.
सैलानियों की यह टोली करीब डेढ़ घंटे तक अपनी योग साधना का प्रदर्शन करती है योग की पाठशाला में अपनी कला का प्रदर्शन करने और मेले में आए लोगों को सन्देश देने के बाद यह विदेशी सैलानी रोज़ाना गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं, गंगा का आचमन करते हैं और स्नान कर अपने पापों से मुक्त होने की कामना करते हैं.
इन विदेशियों का कहना है कि मेले में आने के बाद वह अपना हर दुःख- दर्द भूल गए हैं. यूएसए से आई आऐना का कहना है कि जब तक माघ मेंला रहेगा वो हर रोज़ इस क्रिया योग की पाठशाला में आती रहेगी तो उधर आश्रम के महंत योगी सत्यम का कहना है कि क्रिया योग के महत्व को विदेश के कोने कोने से आये लोग समझ रहे है और देेश के अलग—अलग राज्यो से आये लोगों के साथ क्रिया योग कर रहे है.