साल 2020 कई मायनों में याद रखा जायेगा. इस साल की शुरूआत एक बहुत ही बड़ा आशा के साथ हुआ था. लेकिन धीरे-धीरे इस साल ने कई लोगों के लिए कई कड़वी यादों को संजो कर रख दिया. तस्वीरों में देखें कैसा गुजरा साल 2020...
2019 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद सभी की नजरें 2020 की तरफ टिक गई थी सभी को यह उम्मीद थी कि जल्द ही प्रदेश और केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी घोषणा करेगी. हालांकि इस दौरान राम मंदिर निर्माण को लेकर बैठकों का दौर चलता रहा.
इसके बाद देश में सबसे ज्यादा इंतजार किए जाने वाले मुकदमे का फैसला आया. आखिरकार दिल्ली गैंगरेप पीड़िता निर्भया को इंसाफ मिला और उसके दोषियों को फांसी की सजा दे दी गई. हालांकि इस दौरान उन आरोपियों ने कई बार अपने फांसी को कानूनी दांव पेंच में फंसाया.
इसके बाद देश ने सबसे बुरे दौर को देखा. जब मार्च में सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी. यह लॉकडाउन 1 हफ्ते से शुरू होकर, 3 महीने तक चला गया. इस दौरान देश ने कोरोना को सबसे बुरा दौर देखा.
लॉकडाउन के दौरान देश ने सबसे भयावह स्थिति को देखा, जब अपने घरों को छोड़कर रोजगार की तलाश में बाहर गए मजदूर अपने घरों की तरफ पलायन करने लगे और लाखों की संख्या में मजदूर सड़कों पर, रेलवे पटरियों पर पैदल चलते हुए दिखाई देने लगे. कोरोना काल में लगातार मजदूरों का पलायन उनके घरों की तरफ होने लगा.
अगस्त में आखिरकार राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को संपन्न किया गया और मंदिर निर्माण कार्य का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया इस दौरान पूरे देश में अपने-अपने घरों से प्रधानमंत्री के द्वारा भूमि पूजन को देखा.
14 सितंबर 2020 को, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर चार उच्च जाति के लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया था. दो हफ्ते तक अपनी जिंदगी से लड़ने के बाद, दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इस दौरान कई बार प्रशासन का अमीनवीय रूप देखने को मिला. जिसने बार-बार कई सवाल उठाए.
कुछ दिनों बाद ही देश को एक और बुरे दौर से गुजरना पड़ा. जब सरकार ने तीन कृषि अध्यादेशों को लोकसभा और राज्यसभा में पास करा कर उनको बिल का रूप दिया और किसान सड़कों पर उतर आए. हालांकि विरोध प्रदर्शन कुछ ही दिनों तक चला और धीरे-धीरे शांत हो गया लेकिन कुछ दिन बाद फिर से यह किसान सड़कों पर उतरे और करीब 41 दिनों से लगातार किसान दिल्ली के बॉर्डर को जाम कर के बैठे हुए और सरकार से तीनों लोगों को वापस लेने की मांग कर रहे इस तरह से 2020 में कई कुछ चीजें घटित हुई और देश में कुछ अच्छी खबरों के साथ कुछ बुरी परिस्थितियों को भी झेला है.