सरकार की तरफ से आए गए नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित हैं. किसान सड़क पर हैं. वो प्रदर्शन कर रहे हैं अपने हक की आवाज उठा रहे हैं.
इस आंदोलन के दौरान ऐसी कई तस्वीरें आईं जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इन तस्वीरों ने आंदोलन को अर्श से फर्श पर फिर अर्श पर पहुंचा दिया है.
26 जनवरी की वो तस्वीर कौन भूल सकता है जिसमें एक कथित किसान ने लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर दूसरा झंडा फहरा दिया, हिंसा हुई तो आंदोलन प्रभावित हुआ.
इसके अगले दिन राकेश टिकैत की फूट—फूटकर रोने की तस्वीरें सामने आईं तो ठंडा पड़ रहे किसान आंदोलन एक बार फिर से धार मिल गई. किसानों ने मोर्चा संभाल लिया.
इसी तरह हिंसा वाले दिन एक सिख किसान की पिटाई की तस्वीरें सामने आईं, उसे पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों ने पीटा, लेकिन उसका हौसला देखें वो फिर खड़ा हुआ है.