अमरोहा. बावनखेड़ी देश में एक अलग ही घटना के लिए जाना जाने लगा है. जहां मां-बाप समेत परिवार के सात लोगों की हत्या कर शबनम ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी, लेकिन अब इस संबंध में फिल्म निर्माता घटना को रुपहले पर्दे पर दिखाना चाहते हैं. इस संबंध में निर्माता-निर्देशकों ने संपर्क तो साधा तो जेल प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए इंकार कर दिया.
देश में घटने वाली कई घटनाओं पर फिल्म जगत में कई फिल्मों को दर्शकों के सामने पेश किया है. इसी कड़ी में अमरोहा जनपद के बावन खेड़ी गांव में 14 अप्रैल 2008 को हुई दिल दहलाने वाली घटना ने देश में सनसनी फैला दी थी. अब कई निर्माता निर्देशक इस खलनायिका की कहानी रूपहले पर्दे पर दिखाना चाहते हैं लेकिन, कड़े नियमों के चलते इसकी अनुमति नहीं मिल पा रही है. पूर्व में इस संबंध में कुछ निर्माता-निर्देशकों ने जेल में संपर्क भी साधा था. वे बिना कैमरे के जाकर शबनम से सिर्फ बात करना चाहते थे लेकिन, जेल प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए इससे साफ इंकार कर दिया था.
फांसी की सजायाफ्ता कैदी की निगरानी के नियम भी काफी सख्त हैं. रात में ड्यूटी पर तैनात वार्डन तीन बार उसे चेक करके हर गतिविधि रजिस्टर में दर्ज करता है. इसके अलावा जेलर या डिप्टी जेलर भी रात में एक बार उसे चेक करेंगे. जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया का कहना है कि आगरा आदि जेलों में फिल्मों की शूटिंग हुई हैं लेकिन, इसके लिए आईजी जेल से अनुमति ली जाती है. पूर्व में फिल्म वालों ने संपर्क साधा होगा. लेकिन, मिलाई की अनुमति नहीं है. शबनम से सिर्फ उसके अधिवक्ता या परिवार वाले मिल सकते हैं, वह भी अनुमति लेकर.
ये था मामला
बाबनखेड़ी निवासी प्राइमरी शिक्षक शौकत अली की बेटी शबनम का गांव के सलीम से प्रेम प्रसंग हो गया था. शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ पूरे परिवार को मौत के घाट उत्तर दिया था. उसने पिता, मां, भाई, भाभी और मासूम भतीजे समेत सात लोगों की हत्या करने का मामला देश में चर्चित हो गया था. फिलहाल शबनम और सलीम दोनो को फांसी की सजा हो चुकी है.