नई दिल्ली: चाय दुनिया भर में सबसे पुराने और पसंदीदा पेय पदार्थों में से एक है, जिसका सेवन असंख्य तरीके और रूपों में किया जाता है. हमारे देश भारत में ही जहाँ चाय के गर्मा गर्म प्याले के बिना सुबह और शाम अधूरी होती है, वही विभिन्न राज्यों में चाय को लेकर कई विविधताएं पायी जाती हैं. दिलचस्प तंदूरी चाय से लेकर उत्तम कश्मीरी कहवा तक, यहाँ देश में पी जाने वाली चाय की सबसे अलग विशेषताएं हैं.
बटर टी (Butter Tea)
बटर टी का लद्दाख और सिक्किम में व्यापक रूप से सेवन किया जाता है. बटर टी या गुर गुर चाय को नमक और मक्खन के पानी के छींटें के साथ बनाया जाता है. माना जाता है कि गुलाबी रंग की यह चाय शरीर को डिहाइड्रेशन से लड़ने में मदद करती है और शरीर को गर्म रखती है.
कश्मीरी कहवा (Kashmiri Kahwa)
सबसे उत्तम चाय की किस्मों में से एक कावा कश्मीर का पर्याय कही जाती है. इस खुशबूदार चाय के संस्करण मध्य एशिया और पर्शिया में मौजूद है. यह मसालेदार चाय हरी चाय की पत्तियों के साथ दालचीनी, केसर और इलायची को उबाल कर बनाई जाती है. एक कप में कूटे हुए मेवे के ऊपर गुलकन्द, चीनी या शहद के साथ परोसा जाता है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ है, जैसे शरीर को डीटॉक्सीफाई करना, तनाव कम करना और सामान्य सर्दी के लिए एक आसान उपाय भी हैं. जब आप ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं तो कावा दोपहर के लिए एक दम सही पिकअप है.
नून चाय
कावा के अलावा कश्मीर में एक और खास चाय है नून चाय, जिसका शाब्दिक अर्थ नमकीन चाय है. इस गुलाबी रंग की चाय का रंग बेकिंग सोडा से मिलता है. जिसे चाय की पत्ती और दूध में मिलाया जाता है. घाटी के लोग इसे सुबह और दोपहर में स्थानीय ब्रेड जैसे तछोट या चोंचवोर के साथ पीते हैं. यह कड़ाके की ठण्ड के दौरान शरीर को गर्म रखने में मदद करती है. नेपाल, लद्दाख और सिक्किम में पी जाने वाली बटर टी इस नून चाय का एक रूप है जिसमे मक्खन की एक बूंद डाली जाती है.
तंदूरी चाय (Tandoori Chai)
एक स्ट्रीट फूड इन्नोवेशन कही जाने वाली तंदूरी चाय लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही है. इसकी तैयारी में आदि पकी हुई चाय को एक खाली कुल्हड़ में डाला जाता है, जिसे तंदूर में पहले से गर्म किया जाता है जो इस चाय को तीव्र स्मोकी स्वाद देता है.
इरानी चाय (Irani Chai)
मुंबई और पुणे में मशहूर इरानी चाय दूध का एक मीठा और गाढ़ा मिश्रण है, जिसे लंबे समय तक उबाला जाता है जब तक कि यह मलाईदार न हो जाए और फिर चाय की पत्तियों के पानी और चीनी के एक अलग मिश्रण में मिलाया जाता है. इस चाय में खोवा और मावा भी मिलाते हैं जो इस रिच चाय को और भी समृद्ध देता हैं.
सुलेमानी चाय (Sulemani Chai)
माना जाता है कि अरब यात्रियों के माध्यम से भारत की यात्रा की सुलेमानी चाय एक काली चाय है जिसे इलायची दालचीनी अदरक और लॉन्ग जैसे मसालों के साथ उबाला जाता है जब तक कि यह एक सुंदर सुनहरा रंग प्राप्त न कर लें और फिर इसमें नींबू का रस डाला जाता है. यह चाय केरल के कई हिस्सों में लोकप्रिय है और हैदराबाद में भी कई घरों में नियमित रूप से पी जाती है.
पारसी चाय (Parsi Chai)
पारसी चाय का वर्णन करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा की यह इरानी चाय के समान नहीं है यह अंग्रेजी नाश्ते की चाय और मसाला चाय का एक सुन्दर मिश्रण है जो एक शानदार सुगंधित पेय पदार्थ में तबदील हो जाती है.