पीलीभीत. पीलीभीत में मनरेगा का सफेद सच सामने आया है. यहां के जान गंवा चुके 400 मजदूरों के खातों में अभी भी मजूदरी के पैसों का लेन-देन हो रहा. सुनने में आपको अचंभित जरूर लग रहा होगा, लेकिन ये सच है.
मनरेगा योजना के प्रधान सचिव ने अपने साथियों और अफसरों के साथ सांठगांठ करके यह घोटाला किया है. मर चुके 400 मजदूरों के नाम पर सरकार को लाखों रुपए की चपत लगाई जा रही है. पीलीभीत में इन दिनों यह मामला सुर्खियों में है. घोटाले की बू जब प्रशासन तक पहुंची तो एपीओ, सचिव और ऑपरेटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. जांच में इनके सहयोगी भी चपेट में आ सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो प्रधान सचिव ने साथियों और सहयोगियों की मदद से मनरेगा में रजिस्टर्ड ऐसे मजूदरों की खोजबीन कराई जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनके बैंक खाते एक्टिव हैँ. उसके बाद पूरनपुर ब्लॉक के धर्मापुर और आसपास के कई गांवों में 400 मृत मजदूरों की लिस्ट तैयार की. फिर मिली भगत से इन मजदूरों के बैंक खातों में मजूदरी के पैसे भेजे जाने लगे और समय-समय पर निकाले भी गए. यह सिलसिला कब से चल रहा है. फिलहाल यह जांच का विषय है, लेकिन इतना तो तय है कि घोटाला बड़ा है और सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जा चुका है.