लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल (Taj Mahal) के अंदर 22 कमरों को खुलवाए जाने के लिए दायर की गई पीआईएल (PIL) पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पीआईएल दाखिल करने वालों से सख्त सवाल सवाल किए. कोर्ट ने पीआईएल व्यवस्था का मजाक ना बनाने की बात कही. बता दें कि इस मामले में सुनवाई लंच की वजह से रुक गई है. लंच के बाद 2:00 बजे एक बार फिर से सुनवाई होगी.
हाईकोर्ट के जस्टिस डीके उपाध्याय याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या इतिहास के आप के मुताबिक पढ़ा जाएगा? ताजमहल कब बना? किसने बनवाया? जाओ पढ़ो पहले. जानकारी हासिल करो. जस्टिस उपाध्याय ने कोर्ट रूम में सवाल पर सवाल करते हुए कहा कि पीआईएल व्यवस्था का मजाक मत बनाओ. कोर्ट ने ये भी कहा कि ताजमहल किसने बनवाया पहले जाकर रिसर्च करो. यूनिवर्सिटी जाओ, पीएचडी करो तब कोर्ट आना. रिसर्च से कोई रोके तब हमारे पास आना.
बता दें कि अयोध्या में बीजेपी के मीडिया प्रभारी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई है. जिसमें ताजमहल में बंद कमरों को खुलवाए जाने की मांग की गई है. यह मांग की गई है कि एएसआई से इसकी जांच कराई जाए. याचिका में दावा किया गया कि ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं.