आगरा. कोरोना संक्रमण के चलते लगातार कम हो रहे सैलानी स्मारकों में काम कर रहे फोटोग्राफरों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं. ऐसे में भारतीय पुरातत्व ने उनकी समस्या को कम करने की जगह और भी बढ़ा दिया है. कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक तंगी की मार झेल रहे ताजमहल के फोटोग्राफरों को अपना लाइसेंस रिन्यु कराने के लिए एएसआई की ओर से 25 हजार रुपये बतौर रिन्युअल फीस जमा कराने का नोटिस जारी कर दिया है. इस नोटिस के बाद फोटोग्राफरों के सामने एक परेशानी खड़ी हो गई है कि एक दिन छोड़कर ताजमहल में फोटोग्राफी के लिए अनुमति मिल रही है बावजूद इसके एएसआई ने एक तुकलगी फरमान जारी कर हमारे परिवार के सामने रोजी—रोटी का संकट पैदा कर दिया है. फोटोग्राफरों को अपना लाइसेंस सत्र 2021—22 का रिन्युअल कराने के लिए 25 हजार रुपये की फीस जमा करानी होगी, वो भी 30 जून 2022 तक.
कोरोना काल के बाद से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे ताजमहल के फोटोग्राफरों के सामने एएसआई ने एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. सैलानी कम आने के कारण उन्हें काम नहीं मिल रहा. ऐसे में एएसआई ने लाइसेंस को रिन्यु कराने के लिए 25 हजार रुपये फीस जमा कराने का नोटिस जारी कर दिया है. इस नोटिस के जारी होने के बाद से ही फोटोग्राफर टेंशन में हैं. अब भारतीय पुरातत्व एसोसिएशन ने संस्कति मंत्रालय और आगरा एएसआई सर्किल कार्यालय से फीस माफी की मांग की है.
पहले आते थे प्रति 60 हजार सैलानी अब रह गए 20 हजार
कोरोना काल से पहले ताजमहल में प्रतिदिन करीब 60 हजार से अधिक देसी—विदेशी पर्यटक आते थे, जिनसे सभी फोटोग्राफर की घर चलाने लायक कमाई हो जाती थी लेकिन कोरोना के बाद से तो विदेशी पर्यटक तो पूरी तरह से बंद हैं लेकिन भारतीस पर्यटकों की संख्या में भी कम हो गई है. ऐसे में गाइड हो या फिर फोटोग्राफर, सभी के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है.
सप्ताह में तीन दिन ही मिल रहा प्रवेश
ताजमहल में कम आ रहे सैलानियों को देखते हुए एएसआई ने फोटोग्राफरों का दिन निर्धारित कर दिया है. अब आधे फोटोग्राफर एक दिन जाते हैं आधे दूसरे दिन. जिसका नंबर गुरुवार को नहीं होता उसे दो दिन उसकी शुक्रवार को भी छुट्टी रहती है. इसलिए एक महीने में चार दिन और काम नहीं मिलता. वहीं सप्ताह में एक फोटोग्राफर को महज तीन दिन ही काम मिल रहा है. ऐसे में 25 हजार की रकम वो कहां से दें.
पुरानों से पांच तो नयों से 25 हजार क्यों?
ताजमहल में काम कर रहे पुराने फोटोग्राफरों से एसएसआई महज पांच हजार रुपये प्रति वर्ष लाइसेंस फीस के तौर पर लेती है लेकिन नए फोटोग्राफरों से 25 हजार. फोटोग्राफरों का कहना है कि जब इमारत एक ही है तो लाइसेंस की फीस पांच गुना ज्यादा क्यों.
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अन्य स्मारकों की फीस कम
ताजमहल पर काम करने वाले नए फोटोग्राफरों को साल में 25 हजार रुपये बतौर लाइसेंस फीस के जमा करना पड़ता है जबकि पुरानों को महज पांच हजार. वहीं अन्य स्मारकों की फीस 15 हजार रुपये है.
दूसरे स्मारकों के फोटोग्राफर भी करते हैं ताजमहल में काम
ताजमहल में करीब 450 लाइसेंसी फोटोग्राफर काम करते हैं. इनमें 202 नए और बाकी के पुराने हैं. जबकि आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, एत्मादउद्दौला के फोटोग्राफर भी अपने तय स्मारक को छोड़कर ताजमहल में आकर फोटोग्राफी करते हैं. उन्होंने कोर्ट से स्टे ले रखा है कि वे कहते हैं कि ताजमहल को छोड़कर बाकी स्मारकों पर पर्यटक नहीं आते, इसलिए यहां पर फोटोग्राफी करते हैं.
जब ताजमहल पर फोटोग्राफी तो फीस कम क्यों ?
फोटोग्राफरों का कहना है कि जब कोर्ट से स्टे लेकर आगरा किला, फतेहपुर सीकरी और एत्माद्दौला के फोटोग्राफ ताजमहल में फोटोग्राफी करते हैं तो फीस उनसे भी ताजमहल की लेनी चाहिए. ताजमहल की फीस 25 हजार है जबकि दूसरे स्माकरों की फीस 15 हजार रुपये हैं. जब ताजमहल पर काम कर रहे हैं तो एएसआई को फीस भी ताजमहल वाली लेनी चाहिए.