ज्ञानवापसी मस्जिद को लेकर अंजुमन इंतेजामिया को कोर्ट ने 22 मई तक का दिया समय

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वाराणसी. जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मालिशिद (एआईएम) को ज्ञानवापी मस्जिद की विस्तृत वैज्ञानिक जांच की मांग करने वाले नौ वादियों द्वारा दायर तीन आवेदनों के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए 22 मई तक का समय दिया है. वादी के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि चूंकि एआईएम ने अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को और समय मांगा, इसलिए अदालत ने इसके लिए 22 मई की तारीख तय की. जिला जज ने 16 मई को एआईएम को अर्जियों पर जवाब दाखिल करने के लिए 19 मई तक का समय दिया था.

ज्ञानवापी से संबंधित तीन मुकदमों में नौ अभियोगी, जिसमें चार महिलाएं वाद संख्या. 18/2022 राखी सिंह बनाम यूपी राज्य और अन्य जो ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की पूजा की मांग कर रहे हैं, ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण का उपयोग करके विस्तृत वैज्ञानिक जांच की मांग करते हुए जिला न्यायाधीश की अदालत के समक्ष तीन आवेदन दायर किए थे. 

उत्खनन, डेटिंग पद्धति और वर्तमान संरचना (ज्ञानवापी मस्जिद) की अन्य आधुनिक तकनीकों का पता लगाने के लिए कि क्या उसी का निर्माण हिंदू मंदिर के पहले से मौजूद ढांचे पर किया गया है और पश्चिमी दीवार के निर्माण की उम्र और प्रकृति की जांच करने के लिए भी इमारत की. वादी के अधिवक्ता के अनुसार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को ज्ञानवापी मस्जिद के स्नान तालाब में पाए गए कथित 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच की अनुमति 16 मई, 2022 को एक अदालती अनिवार्य सर्वेक्षण के दौरान तत्वावधान और मार्गदर्शन में दी थी. 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एचसी ने संबंधित एएसआई अधिकारियों को 22 मई को वाराणसी में जिला न्यायाधीश अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था ताकि संरचना की वैज्ञानिक जांच करने के लिए निर्देश मांगा जा सकें. अब नए आवेदनों पर सुनवाई उसी दिन होगी जब एएसआई के अधिकारी शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के निर्देश लेने के लिए अदालत में पेश होंगे.