गीता प्रेस के चित्रों के आधार पर अयोध्या मंदिर में बनेंगी मूर्तियां

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अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि में रामायण के पात्र जैसे महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, तुलसीदास, माता शबरी, जटायु निषादराज के भी मंदिर बनाए जाने हैं. रामायण के पात्रों की मूर्तियों को रूप देने के लिए मूर्तिकारों को प्रामाणिक चित्र की आवश्यकता है. इसके अध्ययन के लिए ट्रस्ट ने एक टीम गठित की है. जानकारी के अनुसार टीम में शामिल अयोध्या राज परिवार के सदस्य यतींद्र मिश्र ने गोरखपुर स्थित गीता प्रेस जाकर रामायण के पात्रों के प्रामाणिक चित्रों का अध्ययन किया और कई चित्रों का चयन भी. रामायण के पात्रों की मूर्तियां गीता प्रेस के प्रामाणिक चित्रों के आधार पर बनेंगी. इससे पहले मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी गीता प्रेस जाकर रामायण के पात्रों का चित्रण ग्रंथों में किस प्रकार व किस रूप में किया गया है. 

इसकी जानकारी हासिल की थी. ट्रस्ट का कहना है कि जटायु शबरी की मूर्तियों को देखकर भक्तों को रामायणकाल की अनुभूति हो जाए. इसलिए प्रामाणिक चित्रों का अध्ययन कर मूर्ति बनाने का काम किया जाएगा. रामायण धारावाहिक में भी चित्रों का हुआ था उपयोग टीवी के सबसे लोकप्रिय धारावाहिक रामायण को बनाने वाले मशहूर निर्माता.निर्देशक रामानंद सागर ने भी गीता प्रेस के चित्रों का उपयोग किया था. 

उन्होंने गीता प्रेस के आधार पर ही धारावाहिक के पात्रों राम, लक्ष्मण, सीता, कौशल्या, हनुमान, सुग्रीव आदि के वस्त्र, उनके रंग आभूषण आदि का चुनाव किया. धारावाहिक में सजाए गए दरबार का आधार भी यही चित्र थे. इस संबंध में गोरखपुर के गीता प्रेस प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण के ट्रस्टी के सदस्य गोरखपुर आकर गीता प्रेस के लीला चित्र मंदिर का अवलोकन किया और यहा के पात्रों के आधार पर अयोध्या में चित्र मंदिर बनेगा ये हम सभी के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है.