बाढ़ की निगरानी के लिए यूपी सरकार ने उठाया कदम, जानें क्या है तैयारी

flood in uttar pradesh

लखनऊ. बाढ़ की निगरानी और राहत एवं बचाव कार्य के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए लखनऊ समेत 51 जिलों में बाढ़ नियंत्रण इकाइयां 15 जून से काम करना शुरू कर देंगी. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक प्रबंध या तो कर लिए गए हैं या पूरा होने के अंतिम चरण में हैं. 73 जिलों के जिलाधिकारियों ने भी समन्वय और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए जिला संचालन समूहों की बैठकें की हैं. इस बीच, सरकार का फोकस 24 अति संवेदनशील जिलों और 16 संवेदनशील जिलों पर है जो बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील हैं.

इन जिलों में प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति के मामले में आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने के निर्देश दिए गए हैं. “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार, सभी 780 बाढ़ सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है. जिन तटबंधों को संवेदनशील और अति संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है, उनकी नियमित निगरानी की जा रही है. कई तटबंधों की मरम्मत और पुनर्वास का काम पहले ही पूरा हो चुका है. 

इस बीच, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर और स्थानीय निकायों के अध्यक्ष जैसे जनप्रतिनिधियों को बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण करने के लिए कहा गया है. प्रत्येक जिले को अपने आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल का मसौदा तैयार करने और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद से युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए भी कहा गया है. 2017 के बाद से, राज्य में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित 982 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. 

जिनमें 2022-23 में 282 शामिल हैं. वर्तमान में 265 नई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, सात ड्रेजिंग से संबंधित हैं और 140 जो पूर्व में स्वीकृत की गई थीं. इनमें से 325 से ज्यादा पर काम 50 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है. मानसून के मौसम में पुलिस मुख्यालय में एक वायरलेस सेंटर संचालित किया जाएगा, जिसका उपयोग बाढ़ से संबंधित सूचनाओं को सुचारू रूप से प्रसारित करने और बचाव कार्य के लिए किया जाएगा.