गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी की लखनऊ सिविल कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या, मुख्तार अंसारी का था करीबी

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नई दिल्ली. गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ ​​जीवा की बुधवार को लखनऊ सिविल कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. लखनऊ जेल में बंद जीवा को सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया था, तभी उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमलावर ने वकील का भेष बनाया था. संजीव माहेश्वरी 'जीवा' पर हुए हमले में एक नाबालिग लड़की समेत दो अन्य लोग भी घायल हो गए. जीवा को लखनऊ सिविल कोर्ट परिसर में एक वकील के रूप में प्रस्तुत एक व्यक्ति ने बहुत करीब से गोली मार दी थी. हमलावर ने कम से कम छह राउंड फायरिंग की. हमले के तुरंत बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी की पहचान जौनपुर निवासी विजय यादव के रूप में हुई है. सूत्रों ने कहा कि हमले में लाल मोहम्मद नाम का एक कांस्टेबल और लक्ष्मी नाम की एक बच्ची घायल हो गई. 

लखनऊ पुलिस ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. इस घटना ने वकीलों द्वारा एक सहज विरोध को जन्म दिया, जिन्होंने कहा कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हत्याकांड की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है. एसआईटी में तीन सदस्य होंगे. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "यूपी में हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा. अपराधी को कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी." संजीव जीवा की बहन कुसुम ने कहा कि गैंगस्टर को "षड्यंत्र" के तहत मारा गया था.

पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी जीवा उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे. उन्हें 2006 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और यूपी के पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. जीवा और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक विजय सिंह को द्विवेदी की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. जीवा चार अन्य हत्याओं से भी जुड़ी थी. जीवा का नाम पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ा था, लेकिन 2005 में उसे बरी कर दिया गया था.

पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि उस पर 22 से अधिक दर्ज मामले दर्ज थे, जिनमें से 17 मामलों में उसे बरी कर दिया गया था. उन्होंने जेल में काफी समय बिताया था और उन पर सलाखों के पीछे से एक आपराधिक गिरोह चलाने का आरोप लगाया गया था. जिला प्रशासन ने एक साल पूर्व सिविल लाइन क्षेत्र के महावीर चौक स्थित संजीव माहेश्वरी जीवा की चार करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को सील करने की कार्रवाई की थी. यह संपत्ति संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी के नाम दर्ज है. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के बैनर तले मुजफ्फरनगर सदर सीट से चुनाव लड़ने वाली पायल माहेश्वरी जब्त की गई संपत्ति से जुड़ी हैं.