सीएम योगी ने कहा- MSME क्षेत्र औद्योगिक विकास की रीढ़, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत वितरित हुए पुरस्कार एवं टूलकिट

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लखनऊ. औद्योगिक विकास की रीढ़ होने के लिए राज्य के MSME क्षेत्र को श्रेय देते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्राप्त 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों से यूपी को "चौथी औद्योगिक क्रांति के पथप्रदर्शक के रूप में उभरने में मदद मिलेगी. वे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पुरस्कार एवं टूलकिट वितरण समारोह में बोल रहे थे. सीएम ने कहा, "राज्य की 96 लाख एमएसएमई इकाइयां राज्य के विकास की नींव हैं. एमएसएमई उत्पादों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए नए डिजाइनिंग और पैकेजिंग संस्थान खोले जाने चाहिए."

उन्होंने आगे कहा, "राज्य की एक जिला-एक उत्पाद योजना न केवल हर जिले के उत्पादों को बढ़ावा दे रही है बल्कि उन्हें वैश्विक बाजार भी उपलब्ध करा रही है. ओडीओपी यूपी के एमएसएमई क्षेत्र की रीढ़ बन गया है जो स्वयं की मिसाल बनकर उभरा है." उन्होंने कहा कि ओडीओपी योजना ने यूपी के निर्यात को 2017 में 86,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि कारीगरों को अपना व्यवसाय बढ़ाने या नया व्यवसाय शुरू करने के लिए आसानी से वित्तीय सहायता मिल सके. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि हर जिले में योजना से जुड़े कारीगरों और बैंकरों के बीच नियमित बैठकें आयोजित की जाएं. 

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 51 बुनकरों को संत कबीर स्टेट हैंडलूम अवार्ड से भी सम्मानित किया. बुनकरों को 'राज्य की ताकत' बताते हुए सीएम ने कहा कि यूपी में ढाई से तीन लाख परिवार बुनाई के काम से जुड़े हैं. "सरकार जल्द ही बुनकरों के करघों के लिए माल ढुलाई इकाइयों की घोषणा करने जा रही है. हमें अपनी ताकत बढ़ानी होगी ताकि हम अच्छी डिजाइन और अच्छी तकनीक से जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि सरकार हर कदम पर आपके साथ है. 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पूरे राज्य में योजना से जुड़े 75,000 कारीगरों को टूलकिट प्रदान कर रहा है, उन्होंने हर जिले में निर्यात प्रोत्साहन केंद्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि कारीगरों की उनके माध्यम से विदेशी बाजारों तक बेहतर पहुंच हो सके. साथ ही, 34 फर्मों को राज्य निर्यात पुरस्कार और 20 फर्मों को एमएसएमई पुरस्कार दिया गया.