झाँसी. उत्तर प्रदेश के झाँसी रेल मंडल द्वारा मूलभूत अवसंरचनाओं में लगातार किए जा रहे विकास कार्य के फलस्वरूप पहली बार 30 जनवरी 2023 को पहली राकेट मालगाड़ी चलाई गई. बीना से भीमसेन के मध्य सिंगल चालक दल द्वारा परिचालन करते हुए गाड़ी को बीना से भीमसेन पहुंचाया गया. इससे पूर्व बीना से भीमसेन के मध्य दो चालाक दल कार्य करते थे प्रथम दल बीना से झाँसी तथा दूसरा दल झाँसी से भीमसेन के मध्य संचालन करती थी.
झाँसी से कानपुर के मध्य काम को बहुत तेज़ी से किया जा रहा है. 90 प्रतिशत तक पूर्ण हुए दोहरीकरण कार्य की मदद से और बीना—झाँसी के मध्य चल रहे तीसरी लाइन के कार्य की मदद से यह संभव हुआ है. अब एक सिंगल फ्लो में बीना से भीमसेन के मध्य संचालन किया जा सकता है.यह कार्य मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष के मार्गदर्शन में वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अखिल शुक्ल तथा वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) अशोक प्रिय गौतम के समन्वय से संभव हुआ है.
झांसी मण्डल आय अर्जन, नए व्यापार सृजन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा गाड़ियों को गति प्रदान करने में निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. यह उत्तर मध्य रेलवे का एक महत्वपूर्ण मण्डल है जो देश के उत्तरी भाग को दक्षिणी भाग एवं पूर्वी भाग को पश्चिमी भाग से जोड़कर रेलों के आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. झाँसी मंडल, भारतीय रेल के महत्वपूर्ण अंग के रूप में अपने सभी सम्मामनित रेल उपयोगकर्ताओं की सेवा में निरंतर श्रम कर रहा है. झाँसी मंडल से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. इस कारण यहां पर यात्री सुविधाओं का निरंतर विकास किया जाना रेल प्रशासन की प्राथमिकता है.