झाँसी. अमृत भारत योजना के तहत रेलवे अपने छोटे—बड़े रेलवे स्टेशनों को उच्चीकृत करने की योजना बना चुका है. इसी के तहत उत्तर प्रदेश के झाँसी रेल मंडल द्वारा मूलभूत अवसंरचनाओं में लगातार विकास कार्य किए जा रहे हैं. झाँसी मंडल के 30 रेलवे स्टेशनों को उच्चीकृत कर यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. बीना से कानपुर के मध्य काम को बहुत तेज़ी से किया जा रहा है. अब एक सिंगल फ्लो में बीना से भीमसेन के मध्य संचालन किया जा सकता है
झांसी रेल मंडल की ओर से अमृत भारत योजना के तहत मंडल के 30 छोटे—बड़े रेलवे स्टेशनों को उच्चीकृत करने की योजना बना चुका है. अब इन स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा. झांसी मंडल आय अर्जन, नए व्यापार सृजन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा गाड़ियों को गति प्रदान करने में निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. यह उत्तर मध्य रेलवे का एक महत्वपूर्ण मण्डल है, जो देश के उत्तरी भाग को दक्षिणी भाग एवं पूर्वी भाग को पश्चिमी भाग से जोड़कर रेलों के आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. झाँसी मंडल से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. इस कारण यहां पर यात्री सुविधाओं का निरंतर विकास किया जाना रेल प्रशासन की प्राथमिकता है.
पहले चरण में इन स्टेशनों पर होगा काम
इसी क्रम में यात्री सुविधाओं के उच्चीकरण के लिए भारतीय रेल के प्रत्येक मंडल के चयनित स्टेशनों के विकास पर निरंतर जोर दिया जा रहा है. झाँसी मंडल से “अमृत भारत स्टेशन स्कीम” के अंतर्गत प्रथम चरण में उच्चीकरण हेतु चयनित 16 स्टेशन बाँदा, मुरैना, चित्रकूट, महोबा, डबरा, दतिया, ललितपुर , उरई, पुखरायां, घाटमपुर, भिंड, हरपालपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, ओरछा तथा शेयोपुर कलां को शामिल किया गया है. इन स्टेशनों के पुनर्विकास हेतु टैकनिकल consultative एजेंसी को hire किया जा रहा है.
स्टेशन उच्चीकरण हेतु सम्मिलित प्रमुख बदलाव निम्नानुसार है
—सभी चयनित स्टेशनों के फसाड में सुधार.
—स्टेशन पर प्रवेश द्वार का चौडीकरण.
—उच्च स्तरीय प्रकाश व्यवस्था.
—स्टेशन वेटिंग हॉल का विस्तार .
—स्टेशन पर उपलब्ध अनुपयोगी स्थान को जोड़ते हुए एग्जीक्यूटिव लाउंज का विस्तार.
—सर्कुलेटिंग एरिया के प्रत्येक तरफ साइनेज.
—अप्रोच सड़क का चौडीकरण.
—पैदल चलने वालों के लिए रास्ता, वाहन का प्रवेश/अस्तित्व, प्रकाश व्यवस्था के साथ पार्किंग क्षेत्र.
—स्टेशनों की लैंड स्केपिंग, भूनिर्माण, हरे पैच और स्थानीय कला.
भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार संभावित बदलाव
—स्टेशन की दूसरी एंट्री के लिए सिटी प्लानर के अनुसार दूसरी एंट्री और सर्कुलेटिंग एरिया का विकास.
—पार्सल (चरणों में) वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म, रिटायरिंग रूम, कार्यालयों में फर्नीचर.
—बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिव्यांगजन सुविधाएं.
—एलईडी आधारित स्टेशन नाम बोर्ड तथा फसाड लाइटिंग.
—महिलाओं, दिव्यांगजनों के लिए पर्याप्त शौचालय.
—नई सुविधाओं के निर्माण के लिए भविष्य में नए भवन की आवश्यकता.
—भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर रूफ प्लाजा.
—दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वाई-फाई का प्रावधान.
नया डिजाईन प्रस्तुत कर दिया जाएगा.
उत्तर मध्य रेलवे में स्टेशन पुनर्विकास के तहत झाँसी मंडल के ग्वालियर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य की शुरुवात हो गयी है. इसके अतिरिक्त झॉसी मंडल के वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी तथा खजुराहो स्टेशन का पुनर्विकास हेतु परामर्शदात्री एजेंसी (ARINEM) का चयन किया जा चुका है, जिनके द्वारा माह अप्रैल / मई 2023 तक नया डिजाईन प्रस्तुत कर दिया जाएगा.
मंडल द्वारा द्वितीय चरण में विकसित किये जाने वाले अन्य 14 स्टेशन
1. अतर्रा.
2. बबीना .
3. बेलाताल .
4. भारुआसुमेरपुर .
5. कालपी .
6. कुल्पहाड .
7. मऊरानीपुर .
8. निवाड़ी
9. रागौल
10. तालबेहट .
11. एट .
12. हमीरपुर रोड .
13. कोंच .
14. सनीचरा .