गोरखपुर. उत्तर प्रदेश जनपद गोरखपुर(Gorkhpur) में कुरान शरीफ की बेअदबी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने नाराजगी जताई है. जिसमें उन्होंने सामूहिक रूप से कुरान शरीफ पढ़ कर जवाब दिया है. स्वीडेन व नीदरलैंड में लगातार हो रही कुरान शरीफ की बेअदबी से मुस्लिम समुदाय ने नाराजगी जताई है. मुस्लिम समुदाय ने जाफरा बाजार में सामूहिक रूप से कुरान शरीफ पढ़ कर इस्लाम विरोधी ताकतों का जवाब दिया. उलमा किराम ने कुरान शरीफ की अजमतों का खुतबा पढ़ा और बेअदबी करने वालों की निंदा की.
नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि कुरआन शरीफ में सभी लोगों के लिए रोशनी, हिदायत, हिकमत और शिफा है. यह किताब ज़िंदगी गुजारने का तरीका बताती है. यह किताब अच्छे बुरे में फर्क व तमीज करती है. यह अल्लाह की किताब है. कलाम भी है और सिफत भी. इसके एक-एक हुरूफ पढ़ने पर दस नेकियां मिलती हैं. ऐसे में कुरआन शरीफ की तौहीन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अजमते कुरआन, पैग़ंबर, सहाबा किराम व अहले बैत पर हमारा तन, मन, धन सब कुर्बान है.
मुफ़्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व कुरआन शरीफ की बेअदबी मुसलमान हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकता है. स्वीडेन व नीदरलैंड में कुरआन शरीफ की बेअदबी की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. अभिव्यक्ति के आजादी की आड़ में कुरआन शरीफ की बेअदबी कबूल नहीं है. कुरआन शरीफ का नुस्खा जलाना या फाड़ना मानसिक दिवालियापन व कायरना कृत्य है, जो घोर निंदनीय है.
आख़िरी पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी इंसानियत के लिए रहमत बनकर आए. पैगंबर इस्लाम पर नाज़िल होने वाली किताब कुरआन शरीफ भी एक विशेष कौम व मिल्लत के लिए नहीं बल्कि उसमें सभी इंसानों के लिए अल्लाह का संदेश व हिदायत है. कुरआन शरीफ मार्गदर्शन और प्रशिक्षण की एक पूर्ण किताब है ताकि हम अल्लाह की महानता और उसकी शक्ति से अवगत हो सकें.
इस दौरान हाफिज रहमत अली निजामी, मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, कारी सरफुद्दीन, सैयद जव्वाद अली सब्जपोश, युसूफ अली, मो. शुएब, समीर अली, अब्दुल रहमान, नूर मोहम्मद दानिश, हाफिज अलकमा, हाफिज गुलाम जीलानी, हाफिज रहमत अली, मौलाना फैयाज निज़ामी, हाफिज रजी अहमद, मो. आज़म, ताबिश सिद्दीक़ी, नवेद आलम, परवेज आलम, हाफिज सैफ अली, हाफिज आमिर हुसैन निज़ामी, सैयद हुसैन अहमद, यासीन खान, अली गज़नफर शाह, हाफिज शमीम, शीराज सिद्दीक़ी मौजूद रहे.