सावधान! गोरखपुर में बच्‍चों के सहारे मॉल-शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स में चोरी गैंग सक्रिय, पलक झपकते ही पार कर देते हैं मोबाइल और सामान

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गोरखपुर. सीसीटीवी की पहली फुटेज में 36वें सेकेंड में टोपी वाला आरेंज और ब्‍लू में जैकेट (गोमा) और चितकबरा पैंट पहनकर आता बच्‍चा और उसके बाद अंदर लाल टोपी में घुसता गैंग का सदस्‍य दिख रहा है. 1 मिनट 4 सेकेंड पर हाथ साफ करते दिख रहा है. 1 मिनट 8 सेकेंड पर लाल मंकी कैप वाला गैंग का सदस्‍य बाहर निकल रहा है. 1 मिनट 18 सेकेंड पर दूसरे के मोबाइल पर हाथ साफ कर बच्‍चा तेजी से बाहर निकल रहा है. दूसरे सीसीटीवी फुटेज में 9वें सेकेंड में गैंग का सदस्‍य लाल मफलर या मंकी कैप में अंदर जाते हुए दिख रहा है. उसके पीछे बच्‍चा भी है. पहले बच्‍चा अंदर जाता है. उसके बाद गैंग का सदस्‍य अंदर प्रवेश कर रहा है.

मॉल और शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स में जाने वाले सावधान हो जाएं


आप शॉपिंग के शौकीन हैं, तो ये खबर आपके लिए है. शॉपिंग के लिए zमॉल और शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स में जाने वाले सावधान हो जाएं. क्‍योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. यूपी के गोरखपुर की पुलिस ने एक हैरान कर देने वाली घटना का खुलासा किया है. जहां बच्‍चों के सहारे शहर के मॉल-शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स और भीड़भाड़ वाली जगहों पर मोबाइल चोरी की घटना को अंजाम देने वाले झारखंड के गैंग के सात आरोपियों को कैंट प‍ुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये गैंग बाकायदा किराए का कमरा लेकर रहता है और वारदात को अंजाम देता है. बच्‍चों की जमानत से लेकर उन्‍हें फिर से इस गोरखधंधे में लगाने का भी पूरा इंतजाम इस गैंग ने किया है. इस गैंग की करतूत भी सीसीटीवी में कैद हुई है.


बच्‍चों को 10 से 12 हजार रुपए प्रतिमाह की तनख्‍वाह पर रखा है

गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने पुलिस लाइन्‍स के व्‍हाइट हाउस में इस घटना का खुलासा किया. उन्‍होंने बताया कि कैंट पुलिस ने एक गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये गैंग बच्‍चों के सहारे मॉल, शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स, रेलवे और बस स्‍टेशन के अलावा सब्‍जी मार्केट और अन्‍य भीड़भाड़ वाली जगहों पर मोबाइल चोरी की वारदात को पूरी सफाई के साथ अंजाम देते हैं और इन बच्‍चों को कवर करने वाले गैंग के सदस्‍य को दे देते हैं. झारखण्‍ड के साहबगंज का रहने वाला ये गैंग बच्‍चों को भी वहीं के गांव से बाकायदा 10 से 12 हजार रुपए प्रतिमाह की तनख्‍वाह पर लेकर आता है और यहां पर वारदात को अंजाम दिलवाता है. इन बच्‍चों को घटना के समय बकायदा गैंग के सदस्‍य के द्वारा कवर भी किया जाता है.


गैंग हर बच्‍चे से 15 से 20 मोबाइल हर माह चोरी करवाता है

गोरखपुर पुलिस ने मॉल में चोरी का सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है. इसमें बच्‍चा और इसे कवर करने वाला गैंग का सदस्‍य मॉल के अंदर और तेजी से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहे हैं. ये गैंग हर बच्‍चे से 15 से 20 मोबाइल हर माह चोरी करवाता है. उन्‍होंने बताया कि चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग के सदस्‍य वहां से गायब हो जाते हैं. 31 दिसंबर को कैंट थानाक्षेत्र के मोहद्दीपुर के ओरियन मॉल, वी मार्ट, बेतियाहाता के मॉल में कई घटनाओं को अंजाम दिया. कई बार इस तरह की वारदात को अंजाम देने की सूचना मिलने के बाद कैंट पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गोरखपुर की कैंट पुलिस ने कुछ दिन पहले ही ऐसी चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले बच्‍चों को पकड़ा था. उन्‍हें बाल अपचारी होने की वजह से चाइल्‍ड लाइन में भेजा गया. इसके बाद जब वे दोबारा वे बच्‍चे पकड़े गए, तो बाल अपचारी गृह भेजा गया.


एनडीपीएस एक्‍ट में मुकदमा पंजीकृत

इसके बाद इन बच्‍चों को कोर्ट से तीन दिन में जमानत मिल गई. आज इन्‍हें फिर पकड़ा गया है. इसके बाद फिर से विधिक कार्रवाई की जा रही है. भीड़भाड़ वाले इलाके में बड़ी सफाई के साथ उनके मोबाइल को निकाल लेते हैं. आरोपियों की पहचान झारखण्‍ड के साहबगंज जिला के महराजपुर नया टोला तलझाड़ी के रहने वाले मनोज मंडल, सुनील महतो, झारखंड के साहबगंज जिला के तिलपहाड़ टोला बाबूपुर के रहने वाले परन कुमार, करन कुमार, तेतर महतो, सकरी गजली टोला बरी के रहने वाले मोहम्‍मद सज्‍माम अंसारी और एक बाल अपचारी के रूप में हुई है. बाल अपचारी के कब्‍जे से दो लाख रुपए से अधिक कीमत के 11 मोबाइल और 7.5 हजार रुपए नकद और 305 ग्राम नशीला पदार्थ बरामद किए गए हैं. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 401 और 411 और 8/21 एनडीपीएस एक्‍ट में मुकदमा पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.


पश्चिम बंगाल और झारखण्ड में बेच देते हैं मोबाइल

यह गिरोह थाना तलझाड़ी जिला साहबगंज झारखण्ड का है. जो अपने गांव और अगल-बगल के गांव के लड़कों को महीना 10 से 12 हजार रुपया पर रखते हैं. ये गैंग बड़े-बड़े शहरों में किराए का मकान लेकर रहता है. ये सुबह 10 बजे से घर से निकलते हैं. 10 से 12 वर्ष की उम्र के हायर किए गए लड़कों को भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे माल, शोरूम, दुकान पर लाकर छोड़ते हैं. ये लड़के अपने साथ प्लास्टिक का थैला एक हाथ में लिए रहते हैं, जिससे आड़ करते हैं. भीड़ का फायदा उठाकर ये लोगों की जेब से मोबाइल और रुपए निकाल लेते हैं. ये उन मोबाइल को जब निकालते हैं, तो इनके साथ गैंग का सदस्‍य रहता है. वो इन्‍हें वहां से लेकर निकल जाता है. संयोगवश बच्चे पकड़ लिए जाते हैं, तो ये अपने वकील के माध्यम से इनकी जमानत त्‍वरित रूप से नाबालिग न्यायालय से करा लेते हैं.  ये बच्चे जब पकड़े जाते हैं, तो ये कुछ भी नहीं बताते है और सिर्फ यही कहते हैं कि उसने कुछ नहीं किया है. इस मोबाइल को वे पश्चिम बंगाल और झारखण्ड में बेच देते हैं. यह देश की सुरक्षा के लिए भी चुनौती बने हुए है. इस गैंग को गिरफ्तार करने में सीओ कैण्‍ट योगेन्‍द्र सिंह के नेतृत्‍व में इंस्‍पेक्‍टर कैंट शशिभूषण राय, उप निरीक्षक शेर बहादुर यादव, धीरेन्‍द्र कुमार राय और टीम का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा.