बरेली. अपनी कृषि भूमि को धोखाधड़ी से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर स्थानांतरित करने से परेशान और उदास एक 71 वर्षीय किसान ने गुरुवार को बदायूँ में सदर तहसील कार्यालय के परिसर के अंदर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पीड़ित रूम सिंह ने पहले आरोप लगाया था कि यह सब भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया था. जिन्होंने उनकी शिकायत पर गौर करने के लिए बार.बार अनुरोध करने के बावजूद उनकी बात नहीं सुनी. सिंह के भतीजे अमरदीप सिंह ने कहा कि मेरे चाचा ने 2015 में मेरे चचेरे भाई कुलदीप की पत्नी मुन्नी देवी से 15 लाख रुपये में तीन बीघा जमीन खरीदी थी. हाल ही में उन्हें पता चला कि उसने धोखाधड़ी से उनका प्लॉट संजय रस्तोगी नाम के व्यक्ति को हस्तांतरित कर दिया है.
एक स्थानीय व्यवसायी उसने, रूम सिंह फिर तहसील कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई और नायब तहसीलदार के सामने कई बार मुद्दा उठाया, लेकिन अधिकारी ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. निराश और उदास होकर मेरे चाचा ने जहर खा लिया. इस भ्रष्ट व्यवस्था ने उनकी जान ले ली. जीवन अमरदीप ने कहा कि रूम की मौत के बाद उनके परिजनों ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए शव को शहर की सड़क पर रख दिया और यातायात अवरुद्ध कर दिया. खबर लिखे जाने तक पुलिस परिजनों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी.
एक ग्रामीण ने कहा कि जब तक नायब तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाती और उसकी एक प्रति हमें नहीं सौंपी जाती हम पीछे नहीं हटेंगे. एसएसपी बदायूं ओपी सिंह ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और परिवार से बातचीत कर रहे हैं. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विशेष रूप से कि नगला शर्की गांव के एक 32 वर्षीय किसान ने 6 फरवरी को पुलिस अत्याचार का आरोप लगाते हुए बदायूं के सहसवान पुलिस स्टेशन के अंदर आत्मदाह कर लिया. 19 फरवरी को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.