सदी के नायक अमिताभ बच्चन के लिए जून और जुलाई का महीना लाता है गंभीर बीमारियां
मोहम्मद आमिल सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं. तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के नानावती हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. अमिताभ बच्चन के ट्वीट जैसे ही वायरल हुआ वैसे तेजी से उनके फैंस दुआओं के लिए सोशल साइट्स पर एक्टिव हो गए. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम सहित सभी सोशल प्लेटफॉर्म पर अमिताभ बच्चन के स्वस्थ्य होने के लिए उनके फैंस पोस्ट डाल रहे हैं. अमिताभ बच्चन के स्वस्थ्य होने की दुआ करने का उनके फैंस का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वह कई बार गंभीर रूप से बीमार हुए हैं और उनके फैन्स ने ऐसे ही हमेशा उन्हें प्यार दिया है. अमिताभ बच्चन के लिए जून और जुलाई महीना उनके स्वास्थ्य के लिए हमेशा ही दुखदाई साबित हुआ है.
26 जुलाई 1982 को कुली फ़िल्म के सेट पर लगी थी गंभीर चोट 80 के दशक में अमिताभ बच्चन फिल्मी पर्दे के सबसे बड़े स्टार के रूप में उभर चुके थे। एक से बढ़कर एक फ़िल्म उनकी झोली में आ रही थी। बेंगलुरु में साल 1982 में वह कुली फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे. 26 जुलाई को शूटिंग के दौरान फ़िल्म के नायक अमिताभ बच्चन व खलनायक पुनीत इस्सर के बीच एक फाइट सीन शूट किया जा रहा था. शूट के दौरान पुनीत इस्सर को अमिताभ बच्चन के पेट मे कुछ घूंसे मारने थे. शूटिंग यह काम दिखावटी करना था. शूटिंग शुरू हुई तो पुनीत इस्सर ने अमिताभ बच्चन के घूंसे मारने के बाद उन्हें स्टील की टेबिल पर पलट दिया था. पुनीत की उंगलियों के जोर से अमिताभ की अंतड़ियां फट गई थीं. बताया जाता है कि चोट लगने के बाद लापरवाही बरती गई. करीब तीन दिन तक उन्हें ऑपरेट नही किया गया और चोट गम्भीर हो गई जब हालात ज्यादा खराब हुए तो उन्हें इलाज के लिए बेंगलुरु से मुंबई के ब्रीचकैंडी हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया तो वह जिंदगी और मौत से जूझने लगे. ऐसे में पूरे देश में अमिताभ बच्चन के जल्द स्वस्थ्य होने के लिए दुआएं होने लगी थी. 2 अगस्त को उनका दूसरा ऑपरेशन किया गया. यह ऑपरेशन सफल हुआ उसके बाद उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार आने लगा. 27 सितंबर को वह पूरी तरह ठीक होकर हॉस्पीटल से बाहर आए थे. इतने बड़े हादसे से निकलने के बाद न सिर्फ अमिताभ ने कुली फ़िल्म की शूटिंग पूरी की, बल्कि 'कुली' उनके जीवन की सबसे हिट फिल्मों में से एक साबित हुई. 13 जून 1984 को हुए मायस्थेनिया ग्रेविस का शिकार मायस्थेनिया ग्रेविस अर्थात कब्रस्तान जाने का रास्ता. यह वही बीमारी है, जिसमें मांसपेशियां शिथिल पड़ जाती हैं और ओनिसिस जैसे अमीर आदमी भी इसके शिकार हुए हैं, परंतु अमिताभ बच्चन को जब यह रोग हुआ, तब तक विज्ञान ने इसका उपचार खोज निकाला था. 13 जून 1984 को अमिताभ बच्चन मायस्थेनिया ग्रेवीस की चपेट में आए तो इस ट्यूमर से उसका एंगल जुड़ गया। दरअसल, अमिताभ की हालत खराब हो गई और वो इलाज के लिए अमेरिका गए तो डॉक्टरों ने बताया कि ट्यूमर का ऑपरेशन करते हुए कई जरूरी नसें कट गई थीं और उसके परिणामस्वरुप मांसपेशियों में निर्बलता आ गई थी. उस वक्त हाल ये था कि एक बड़े अंग्रेजी अखबार ने हेडलाइन लगाई थी कि अमिताभ अब कभी काम पर नहीं लौटेंगे. शहंशाह की शूटिंग शुरू होनी थी, जो टल गई। टीनू आनंद बर्बादी की कगार पर आ गए। हालांकि, बाद में अमिताभ ने ही टीनू को सारे संकटों से उबारा था। वह जल्द स्वस्थ्य होकर वापस शूटिंग पर आए थे।. [caption id="attachment_4946" align="aligncenter" width="870"]T 3590 -I have tested CoviD positive .. shifted to Hospital .. hospital informing authorities .. family and staff undergone tests , results awaited .. All that have been in close proximity to me in the last 10 days are requested to please get themselves tested !
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) July 11, 2020

