राजस्थान कांग्रेस में घमासान, गहलोत या पायलट- किसके हाथ में रहेगी कमान?

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में भी फूट खुलकर सामने आ गई है. वैसे तो नई सरकार के गठन के वक्त से ही राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच घमासान चल रही है, परन्तु अब यह लड़ाई पूरी तरह से सतह पर आ गई है. अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट आरपार के मूड में नजर आ रहे हैं. उन्होंने दिल्ली पहुंचकर आलाकमान से भी मामले में दखल देने गुहार लगाई है. इसी बीच खबर है कि सचिन पायलट से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने मुलाकत की है. असल विवाद विधायकों को लेकर है. जानकारी मिली है कि करीब 18 विधायक सचिन पायलट खेमे के संपर्क में बने हुए हैं. इसमें कई विधायक दिल्ली एनसीआर में बताए जा रहे हैं, साथ ही सचिन पायलट कहां हैं ये किसी को पता नहीं. उधर कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि किसी विधायक या नेता की कोई शिकायत है तो वह उनसे मिलकर अपनी बात रखे. जानकारी मिली है कि सचिन पायलट ने दिल्ली में शिकायत की है कि सीएम अशोक गहलोत उन्हें लगातार किनारे लगाने की कोशिश में लगे हैं. आपको बता दें कि राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर राजस्थान पुलिस के केस दर्ज करने के बाद कांग्रेस के 12 विधायक दिल्ली पहुंचे थे. ये सभी एसओजी की एफआईआर में सरकार गिराने की साजिश में उन पर निशाना साधने से खफा हैं. विवाद बढ़ता देख राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा- एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है।

इसी बीच कांग्रेस ने तीन निर्दलीय विधायकों सुरेश टाक, खुशवीर जोजावर और ओम प्रकाश हुडला से संबद्धता समाप्त कर दी. अब तक ये तीनों गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे थे. अब एसओजी ने तीनों के खिलाफ खरीद फरोख्त मामले में केस दर्ज कर लिया है. इन तीनों पर आरोप है कि सरकार गिराने के लिए इन्होंने विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश की. इसी बीच देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई विधायकों और मंत्रियों ने समर्थन पत्र सौंपकर गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया.