गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हावी होने के मकसद से आए थे चीनी सैनिक: वीके सिंह
नई दिल्ली. गलवान घाटी में भारत-चीनी सेना के बीच हुए संघर्ष में चीन की ओर से की गई धोखेबाजी को लेकर पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बड़ा बयान दिया है. वीके सिंह ने कहा कि चीन के लोग ये सोचकर आए थे कि वे भारतीय सेना पर हावी हो जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ, पहले हमारे तीन हताहत हुए थे. फिर हमारे और चीनी सैनिक नदी में गिर गए थे. चोट और नदी में गिरने के कारण और 17 जवान शहीद हो गए. 70 के करीब घायल हो गए थे. पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह और ने कहा कि चीन कभी नहीं बताएगा कि कितने लोग हताहत हुए. कितने लोग मरे या नहीं मरे. जिस तरीके से हमारे लोगों ने चीनी सैनिकों को जवाब दिया था, उससे लगता है कि शुरू में 40 से अधिक चीनी सैनिकों के हताहत की जो संख्या आई थी, वह संख्या सही थी उससे ज्यादा हो सकते हैं. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने मौजूदा हालातों को लेकर कहा कि अभी भी चीन के सैनिक पीपी-14 के उस तरफ है और हमारे सैनिक भी इस तरफ हैं. दोनों ओर से तैनाती है. हमारी सेना की कोशिश है कि चीन के आगे नहीं आने देगा और श्योक के साथ-साथ की सड़क पर उनकी नजर न पड़ेना देना है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीन की एक खासियत रही है कि वह हमेशा अपने क्लेम लाइन को आगे बढ़ाचढ़ाकर बताता है. उनके प्रधानमंत्री ने 1559 में हमारे प्रधानमंत्री को एक नक्शा दिया था. इस नक्शे को आप जमीन पर उतारने की कोशिश करेंगे तो दिक्कत होती है. पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने कहा कि गर्मियों के मौके पर जब पेट्रोलिंग ज्यादा होती है तो दोनों देशों की सैनिक कई बार आमने-सामने आए हैं. पिछले 5-6 साल में धक्का-मुक्की शुरू हो गई.