विकास दुबे ने यूपी पुलिस को छकाया, उज्जैन पुलिस से खुद को पकड़वाया, क्या है इसका रहस्य ?

उज्जैन. उत्तर प्रदेश के कानपुर में सात दिन पहले आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे मध्यप्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की आंखों में धूल झोंककर कानपुर से फरीदाबाद होता हुआ उज्जैन पहुंचा. विकास दुबे ने सबसे पहले महाकाल मंदिर में पर्ची कटवाने के बाद मंदिर में दर्शन किए. पूजा करने के बाद विकास ने खुद की पहचान बताई के उसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया. कानपुर के चैबेपुर में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गुरुवार की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया. विकास सुबह आठ बजे महाकाल मंदिर पहुंचा. यहां पर एक दुकान से प्रसाद खरीदा, मंदिर में जाने के लिए पर्ची बनवाई. मंदिर में दर्शन करने के बाद जब वह बाहर आया तो खुद ही चिल्लाना शुरू कर दिया कि मैं विकास हूं कानपुर वाला इस पर वहां खड़े सिक्योरिटी गार्ड और लोगों ने उसे पकड़ लिया. पुलिस को सूचना दी. पुलिस कहीं उसका एनकाउंटर न कर दे तो वह पुलिस कस्टडी में ही चिल्लाने लगा कि मैं ही विकास दुबे कानपुर वाला इन्होंने यानी पुलिस ने मुझे पकड़ लिया है. इसके बाद विकास को महाकाल मंदिर ले गए. खुद को बताया महाकाल की शरण में विकास दुबे ने खुद को उज्जैन में सरेंडर कराया. उसने पहले मंदिर के दर्शन किए. दर्शन करने के बाद वह परिसर पहुंचा और फोटो खिंचवाई. इसके बाद उसने चिल्लाकर वहां मंदिर की सुरक्षा में खड़े निजी सुरक्षाकर्मियों से कहा कि हम कानपुर वाले विकास दुबे हैं. पुलिस को सूचना कर दो मैं महाकाल की शरण में आकर सरेंडर करने आया हूं. इसके बाद ही पुलिस ने विकास दुबे को अरेस्ट किया. कैसे पहुंचा कानपुर से फरीदाबाद और छह दिन पहले कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे आखिरकार उज्जैन कैसे पहुंच गया. इसमें पुलिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जब वह साइकिल से फरार हुआ तो पुलिस क्यों नहीं नहीं पकड पाई. कानपुर से हरियाणा के फरीदाबाद पहुंच गया. यहां उसने एक होटल में भी रुकने की कोशिश की. यहां से भी पुलिस विकास को नहीं पकड़ पाई लेकिन उसके तीन साथियों को पकड़ लिया. इसके बाद करीब 13 घंटे का रास्ता तय करके वह राजस्थान को छोड़कर मध्य प्रदेश के उज्जैन में पहुंच गया. यहां पर उसने खुद को पूरी प्लानिंग के साथ सरेंडर कर दिया. जानकार मानते हैं कि विकास दुबे को भलीभांति अंदाजा था कि यूपी में उसकी गिरफ्तार कम एनकाउंटर की आशंका ज्यादा थी जबकि किसी दूसरे प्रदेश में गिरफ्तार होने पर उसकी जान बच सकती है. इसी कोशिश में पहले वह फरीदाबाद भागा ताकि दिल्ली में समर्पण कर सके लेकिन वहां मामला बिगड़ने से वह चंबल होते हुए एमपी भाग आया और एनकाउंटर के डर से बच गया.