केरल में तूफान लाने वाले इस ब्लैक Gold का असली सच क्या है, जानिए यहां

तिरुवनंतपुरम. केरल में सोने की तस्करी की जड़ें गहरी होती जा रही हैं. इस सनसनीखेज मामले के सामने आने से राज्य के कई अफसरों और मंत्रियों की बेचैनी बढ़ गई है, इसकी वजह है कि गोल्ड स्मग्लिंग के तार आतंकवाद से जुड़ते दिख रहे हैं. मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश से पूछताछ में कई मंत्रियों और अधिकारियों के साथ उसके संबंधों का खुलासा हुआ है. स्वप्ना के मोबाइल नंबर के काल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) से पता चला है कि वो राज्य के उच्च शिक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के.टी. जलील के बराबर संपर्क में थी. मामले की जांच कर रही एनआईए ने आरोप लगाया है कि स्वप्ना और उसके साथी संदीप नायर अब तक विदेशों से 150 किलो से अधिक सोने की तस्करी कर चुके हैं. जिनमें से ज्यादातर का इस्तेमाल आतंकवाद संबंधित गतिविधियों में किया गया है. जांच के दौरान स्वप्ना के कई हाईप्रोफाइल संपर्कों का पता चला है. सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान स्वप्ना की जलील से 16 बार फोन पर बात हुई थी. इसके अलावा मंत्री और अधिकारी उसके आवास पर बार-बार आते-जाते रहे हैं, जिसमें मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के तत्कालीन सचिव एम. शिवशंकर का नाम भी शामिल है. सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने एम.शिवशंकर से मंगलवार को पूछताछ की थी. सचिवालय के पास स्थित फ्लैट से होता था तस्करी रैकेट का संचालन सूत्रों के मुताबिक सचिवालय के पास स्थित एक फ्लैट स्वप्ना के गोपनीय अभियानों का मुख्य केंद्र था. कथित रूप से इसी फ्लैट में तस्करी कर लाए गए सोने को छिपाया जाता था. साथ ही यहां स्मग्लरों के अलावा वीआईपी लोग भी आते-जाते थे. इस फ्लैट को यहां विशेष रूप से इसलिए चुना गया था, ताकि सचिवालय के पास मौजूद होने से जांच एजेंसियों को किसी तरह का कोई संदेह न हो. [caption id="attachment_6016" align="alignnone" width="875"]Kerala-Gold पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग ने तस्करी कर लाया जा रहा 30 किलो सोना जब्त किया था. इसका अनुमानित मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए है[/caption] वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम.शिवशंकर इस फ्लैट के अलावा स्वप्ना के आवास पर भी कई बार आते-जाते थे. उसके घर पर शिवशंकर की मौजूदगी को सत्यापित करने के लिए सोसायटी के सीसीटीवी फुटेज मंगवाए गए हैं. वहीं इस तस्करी में अपना नाम सामने आने पर मंत्री के.टी जलील ने मीडिया से कहा कि उन्हें स्वप्ना की संदिग्ध भूमिका के बारे में पता नहीं था. उन्होंने स्वीकार किया कि स्वप्ना से उनकी बातचीत हुई थी, लेकिन यह बातचीत रमजान फूड राहत किट से संबंधित थी. जलील ने कहा, 'मैंने यूएई के महावाणिज्यदूत को फोन किया था तो उन्होंने राहत किट वितरण के लिए स्वप्ना से संपर्क करने को कहा था. स्वप्ना यूएई कंसुलेट में एक अधिकारी थी.' स्वप्ना सुरेश और संदीप ने गोल्ड स्मग्लिंग की साजिश रची इसके अलावा जलील ने स्वप्ना की केरल सरकार में नौकरी के बारे में भी कोई जानकारी न होने की बात कही. एनआईए सूत्रों ने कहा कि एक समय स्वप्ना और उसका साथी सरित यूएई कंसुलेट में कर्मचारी थे, लेकिन दोनों ने अज्ञात कारणों से इस्तीफा दे दिया था. कंसुलेट में काम करने के दौरान उन्हें एयरपोर्ट पर राजनयिक बैगेज (लगेज) के आने-जाने के बारे में पता चला था. इसके बाद उन्होंने संदीप के साथ मिलकर गोल्ड स्मग्लिंग की योजना बनाई. इसके तहत वो अपने वीआईपी संपर्को की मदद से बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी करने लगे. जुलाई 2019 से लेकर अभी तक इस शातिर गिरोह ने 150 किलो से अधिक गोल्ड स्मग्लिंग की है. बता दें कि पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग के अधिकारियों ने पहले से प्राप्त गुप्ता सूचना के आधार पर यूएई से आए डिप्लोमैटिक सामान को पकड़ा था. विदेश मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद यूएई वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की मौजूदगी में उसे खोला गया तो उसमें घरेलू इस्तेमाल की कई चीजों में 30 किलो सोना भरा हुआ मिला. जब्त किए गए सोने का अनुमानित मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए है. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी. उसने कार्रवाई करते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत चार आरोपियों सरित, स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और फासिल फरीद पर केस दर्ज किया है.