दिल्ली पुलिस का हलफनामा- कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा के बयानों से दंगे नहीं भड़के
दिल्ली. दिल्ली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने दंगों का रूप ले लिया था इस दौरान भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के बयानों की कड़ी निंदा की गई थी. विपक्ष का कहना था कि इन नेताओं के बयान से ही दिल्ली में दंगे भड़के हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली के दंगों में कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है. क्योंकि उनके बयानों से यह दंगे नहीं भड़के थे. पुलिस का कहना है कि दंगों में उनकी स्पष्ट भूमिका को लेकर अब तक कोई सबूत नहीं मिला है, इसलिए इनके खिलाफ केस दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही दिल्ली पुलिस ने कहा है कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनीष सिसोदिया, वारिस पठान, प्रियंका गांधी और अमानतुल्लाह खान द्वारा दिए गए बयानों की भी जांच की गई है. इनके बयानों से यदि दंगों का कोई संबंध मिला, तो इनके खिलाफ कार्रवाई अवश्य होगी लेकिन अभी तक इनके खिलाफ भी दंगों से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला है. आपको बता दें कि वारिस पठान, सलमान खुर्शीद, असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा एंटी सीएए प्रोटेस्ट कर रहे लोगों को भड़काने के मामले में जांच चल रही है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि यदि इनके खिलाफ कोई भी सबूत मिला, तो इनके खिलाफ कार्यवाही निश्चित है. आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी भय के बहुत ही जल्दी प्रभावी कार्यवाही करके दिल्ली में भड़की हिंसा को एक सीमित इलाके तक रोक दिया था. साथ ही उन्होंने हलफनामे में कहा कि हिंसा एक गहरी और सुनियोजित साजिश के तहत कराई गई थी. पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा कि पुलिस ने बिना किसी पक्षपात के पूरी कार्यवाही और जांच की है. आपको बता दें कि दिल्ली में हुए दंगों में कुल 751 केस दर्ज हुए थे. जिनमें 53 दंगे के साथ हत्या के, 29 दंगे के साथ हत्या के प्रयास और 665 दंगे के साथ ही 3 दंगे के साथ डकैती और एक दंगे के साथ असॉल्ट का मामला था. जिनमें 200 केसों में चार्जशीट अब तक दायर हो चुकी है. इन दंगों में कुल 581 लोग घायल हुए थे, जिसमें 108 पुलिस वाले थे. इनमें से 97 लोग गोली लगने से घायल हुए थे. गौरतलब है कि ये दंगे दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के बाद हुए थे. विपक्ष ने लगातार भाजपा के कुछ नेताओं पर आरोप लगाया कि उनके बयानों के कारण ही ये दंगे भड़के थे. जबकि भाजपा ने विपक्ष के नेताओं पर इसी बात को लेकर आरोप लगाया. अब पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट के साथ-साथ हलफनामा हाईकोर्ट में दायर कर दिया है.