बाबा रामदेव ने किया कोरोना की दवा बनाने का दावा, आयुष मंत्रालय ने प्रचार पर लगाई रोक, पूछा- कहां बनाई दवा

दिल्ली. योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलार को कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा करते हुए कोरोनिल लाॅंच कर दी. जैसे ही आयुष मंत्रालय को इसकी जानकारी हुई फौरन पतंजलि द्वारा बनाई गई इस दवा के प्रचार पर रोक लगाते हुए तथ्य मांगे. दुनिया इस टाइम कोरोना के कहर से त्रस्त है. अमेरिका और चीन समेत दुनिया का हर देश कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने में जद्दोजहद कर रहा है ऐसे में बाबा रामदेव ने कोरोनिल लांच करके ये दवा किया कि ये वायरस को समाप्त करने में असरकारी साबित होगी. बाबा ने दावा किया पतंजलि द्वारा बनाई गई ये दवा कोरोना को मात देने में सौ फीसदी असरकारी है. सुबह लांच की गई दवा पर आयुष मंत्रालय ने शाम को एक बयान जारी कर दवाई के प्रचार र रोक लगा दी. मंत्रालय ने पतंजलि से पूरी जानकारी मांगी है कि आपको इसकी अनुमति किसने दी. बता दें कि देश में हर रोज 15 हजार से अधिक कोरोना पाॅजिटिव सामने आ रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती. वहीं विपक्ष ने सवाल पूछना शुरू कर दिया कि जब सरकार ने पतंजलि को अनुमति नहीं दी तो उन्होंने इस दवा को कैसे लांच कर दी. क्यों लगाई दवा के प्रचार पर रोक जब विश्व कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए जुटा है. डाॅक्टर दिनरात मेहनत कर रहे हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही ऐसे बाबा राम देव ने इस दवा को बनाकर सबको चैंका दिया. बाबा राम के एलान के बाद चंद घंटे के दावे पर आयुष मंत्रालय ने एक्टिव हो गया. रोक के बाद तमाम सवाल खड़े हो गए. सिर्फ सात दिन में कोरोना के इलाज की दवा बनाने के दावे के बाद मंत्रालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बयान जारी किया कि मंत्रालय को इस तरह की दवा की कोई जानकारी नहीं. पतंजलि से मांगी ये जानकारी मंत्रालय ने पतंजलि से कोरोनिल दवा में इस्तेमाल किए तत्वों का विवरण मांगा है. जहां पर इस दवा पर रिसर्च किया गया उस जगी या अस्पताल का नाम. प्रोटोकाॅल सैंपल साइल की जानकारी देनी होगी