नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की जमानत मंजूर, आज हो सकते हैं रिहा

प्रयागराज. जेल में बंद नोएडा अथाॅरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के लिए बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत भरी खबर आई. हाईकोर्ट ने यादव सिंह की जेल में निरुद्धि को अवैध करार देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. गुरूवार को उन्हें जेल से रिहा किया जाएगा. यादव सिंह 10 फरवपरी 2010 से जेल में बंद हैं. यादव सिंह पर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित कई धाराओं में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था. इससे पूर्व उनकी जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश सीबीआई गाजियाबाद मे खारिज कर दी थी. इसके बाद उनके वकीलों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिाका दाखिल कर सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती दी थी. यादव सिंह के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले में शीघ्र सुनवाई की मांगी थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि यादव सिंह की याचिका पर आठ जुलाई को सुनवाई कर उस पर निर्णय दिया जाए. उच्च्तम न्यायालय के निर्देश के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायामूर्ति प्रीतंकर दिवाकर और न्यायामूर्ति शेखर यादव ने जमानत पर सुनवाई की. कोर्ट में यादव सिंह ने वकीलों ने कहा कि याची 10 फरवरी 2020 से जेल में बंद है और सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट तक दाखिल नहीं की. इसलिए उनकी जेल में निरुद्धि अवैध है. वकीलों ने कहा कि नियमानुसार 60 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए जबकि सीबीआई ने 119 दिन के बाद चार्जशीट दाखिल की. बता दें कि विशेष न्यायाधीश सीबीआई ने यादव सिंह की जमानत यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि लाॅकडाउन के कारण सीबीआई 60 दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी, सुप्रीम कोर्ट ने भी 23 मार्च के अपने आदेश में सभी प्रकार के मामलों में मियाद अवधि बढ़ा दी है इसलिए सीबीआई चार्जशीट दाखिल करने में जो विलंब हुआ, उस समय की गणना नहीं की जाएगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट में जिरह के दौरान यादव सिंह के वकीलों ने कहा था कि विशेष न्यायाधीश सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझने में गलती की है. ऐसा कोई भी कारण नहीं जो सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने में बाधा थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों क वकीलों की दलालों को सुनने के बाद कहा कि सीबीआई जज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझने में गलती की है. लाॅकडाउन के दौरान ऐसी कोई परिस्थिति नहीं थी जिसमें चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकती थी. चार्जशीट को अनावश्यक विलंब से दाखिल की गई. इस बात को कहने के बाद कोर्ट ने यादव सिंह को रिहा करने का आदेश दिया.