गैंगस्टर विकास दुबे के लखनऊ वाले घर की रजिस्ट्री खंगाल रही है पुलिस, पढ़ें वजह

लखनऊ. कानपुर में 8 पुलिस वालों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के दो मकान होने की जानकारी सामने आई है. एक कानपुर वाले मकान पर पुलिस पहले ही बुलडोजर चला चुकी है. लेकिन लखनऊ वाला मकान अभी बुलडोजर के पैने पंजों से बचा हुआ है. जिसके चलते यह मकान चर्चाओं में आ गया है. इसके पीछे जो वजह बताई जा रही है, उसके मुताबिक पुलिस अभी यह पता नहीं लगा पाई है कि लखनऊ वाला मकान वाकई में गैंगस्टर विकास दुबे के नाम है या किसी और के. पुलिस ने मकान पर बुलडोजर चला दिया और फिर मालूम हुआ कि वो किसी और के नाम है तो पुलिस ऐसे में अदालती कार्रवाई का शिकार हो सकती है. इसीलिए पुलिस पहले मकान की रजिस्ट्री खंगालने में जुटी हुई है. साइिकल से भागा था गैंगस्टर विकास दुबे कानपुर में हुए शूटआउट वाली रात गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की गोलियों से बचता हुआ साइिकल लेकर विकरू गांव से भागा था. करीब 5 किमी दूर तक साइिकल चलाते हुए वो शिवली कस्बे तक गया था. वहां जाकर उसने किसी की बाइक ली थी. पुलिस की मोबाइल सर्विलांस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इसी कस्बे में पहुंचकर 8 पुलिस वालों की हत्या के आरोपी विकास ने अपना मोबाइल बंद किया था. बताया जा रहा है कि बाइक से ही विकास लखनऊ की ओर भागा था. उसी वक्त विकास की पत्नी लखनऊ वाले घर से फरार हुई थी. उसकी आखिरी लोकेशन चंदौली मिली है. उसके साथ उसका बेटा भी बताया जा रहा है. फरीदाबाद में एसटीएफ के हाथ आते-आते रह गया विकास हिस्ट्रीशीटर और मुख्य आरोपी विकास दुबे यूपी एसटीएफ के हाथ आने से पहले ही निकल गया. कानपुर हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से भागा-भागा फिर रहा विकास, हरियाणा के फरीदाबाद में एक होटल में कमरा लेने पहुंचा था. लेकिन आईडी नहीं होने की वजह से उसे कमरा नहीं मिला. यह जानकारी मिलते ही एसटीएफ होटल पहुंची लेकिन तब तक वहां से निकल चुका था. यूपी एसटीएफ ने फरीदाबाद में उसके दो करीबियों को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ कर रही है. एसटीएफ को आशंका है कि विकास दुबे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में हैं. फ़िलहाल कुछ ही देर में एसटीएफ इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस करेगी.