कानुपर एनकाउंटर: बदमाशों ने कैसे शहीद किए 8 पुलिसकर्मी, सुनिए दबिश देने गए SHO की जुबानी
कानपुर. कानपुर में हुए पुलिस हत्या कांड में एक बड़ा खुलासा दबिश में शामिल एक एसएचओ ने किया है. अस्पताल में भर्ती एयएचओ केपी सिंह ने कहा कि जब हम दबिश को विकास दुबे के घर के नजदीक पहुंचे तभी हम पर हमला किया गया. अंधेरे में हम टारगेट को नहीं देख पा रहे थे लेकिन बदमाश छतों पर होने के कारण हमें आसानी से टारगेट कर थे. सबसे पहले एसओ चैबेपुर ने सूचना दबिश की सूचना दी. हम रात को 12ः30 बजे निकल गए. एक बजे पहुंच गए. घटनास्थल से 200 मीटर दूर गाड़ियों को खड़ा कर दिया. उसने अपने घर की लगी में जेसीबी लगा दी तो हम एक-एक करके उसके घर की ओर बढ़े. जब तक हम गली के बाहर थे तो कोई फायरिंग नहीं हुई लेकिन जैसे ही हमने जेसीबी को पार करके उसके घर को घेरने की कोशिश की वैसे ही पहले से छतों पर घात लगाए बदमाशों ने चारो ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. हमने खुद को सुरक्षित करने की कोशिश की लेकिन तब तक हम पूरी तरह से घिर चुके थे. हम नीचे होने के कारण टारगेट को नहीं देख पा रहे थे लेकिन वे छतों पर थे तो हमारे से थोड़े से मूवमेंट पर फायर करते. कुछ ही देर में उन्होंने हमारे ज्यादातर साथियों को निशाना बनाकर घायल कर दिया. मेरे साथ दो साथी अजय सेंगर और अजय कश्यप भी घायल हुए, मैं उन्हें बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर लेकर गया.लेकिन हमारे ज्यादातर साथी बुरी तरह से घायल हुए जिनमें से सीओ सहित आठ साथी शहीद भी हुए. गौरतलह है कि घटना कानूपुर के चैबेपुर थाना क्षेत्र बिकरू गांव की है. गुरुवार की देर शाम को पुलिस बदमाश विकास दुबे को पकड़ने की गई थी. पुलिस ने शातिर से सरेंडर करने की अपील की लेकिन विकास और उसके साथियों ने अचानक पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. अचानक बरसाई गई गोलियों के कारण पुलिस संभल नहीं सकी और गोली एसओ बिठूर, एस दरोगा सहित कई पुलिस के बहादुर सिपाहियों को लगी. इसमें वारदात में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और एसओ शिवराजपुर महेश यादव के अलावा छह अन्य पुलिसकर्मी शहीद हो गए.