अखिलेश का गंभीर आरोप, जो खुद कटघरे में हैं वो कानपुर हत्याकांड की जांच कर रहे

लखनऊ. कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हुए पुलिस हत्याकांड में अब राजनीति शुरू हो गई. आपको बताते चलें कि कुछ दिनों पहले कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने अपनी गैंग के साथ, उसके गांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर अचानक से हमला कर दिया था. जिसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे. अब इस मामले पर राजनीति ने भी तूल पकड़ लिया है. मामले पर ट्वीट करते हुए सपा के मुखिया और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि उत्तर प्रदेश से सत्ता में अपराध के गठजोड़ के उस विभाग से दौर में है जहां न तो पुलिस को मारने वाले दुर्दांत अपराधी पर कोई कार्रवाई हुई है और ना ही उस अधिकारी पर जिस की संलिप्तता का प्रमाण चतुर्दिक उपलब्ध है. ऐसे में तथाकथित निष्पक्ष जांच भी उनसे भी करवाई जा रही है, जो खुद कटघरे में खड़ा है इस प्रकार अखिलेश यादव ने कानपुर हत्याकांड में चल रही जांच पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है और सरकार की निष्पक्षता पर सवाल भी उठाया है. आपको बता दें कि कानपुर में पुलिस बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी. तभी अचानक पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई. अचानक बरसाई गई गोलियों के कारण पुलिस संभल नहीं सकी और छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए. मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए. जांच में कुछ पुलिसवालों के नाम सामने आए, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सबसे पहले चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया. फिर पुलिस ने सभी संदिग्ध पुलिसवालों के कॉल डिटेल्स चेक की. कॉल डिटेल्स मिलने के बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया.