ऐसे ढेर हुआ 8 पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे
कानपुर. सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने के एक हफ्ते के भीतर ही विकास दुबे के 6 गुर्गों का एनकाउंटर हो चूका था. दरअसल कानपुर के विकरू गांव सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन में महाकाल मंदिर से पकड़ लिया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश की STF टीम विशेष विमान से इंदौर और उज्जैन पहुंची. उज्जैन में उसकी पेशी के बाद STF उज्जैन से कानपुर ले जा ही रही थी कि बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक गाडी पलट गई. जिसमें विकास दुबे बैठा हुआ था. हादसा होने के बाद विकास पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर भागने की कोशिश करने लगा जिसमें पुलिस ने जवाबी कार्यवाही की तब विकास दुबे की कमर में और सीने में गोली लगी जिससे वह ज़ख्मी हो गया. जिसके बाद उसे अस्पताल में ले जाया गया जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक STF के 4 जवान भी इस घटना में घायल हुए हैं जिसमें 2 लोग गाड़ी पलटने से और 2 अन्य विकास दुबे की और से फायरिंग करने पर ज़ख्मी हुए हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा है कि "दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है". तो वहीं राजनेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि "जिसका शक था वो हो गया. विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पायेगा. पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है"? विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ़्तारी के बाद खबर ये भी है की विकास की पत्नी और पुत्र की गिरफ़्तारी भी लखनऊ में हो गई है. तो अब ऐसे में कुछ सवाल उठ रहे हैं:- 1. विकास दुबे को लाने के लिए चार्टर्ड प्लेन कि खबरें थी, फिर गाड़ियों से क्यों ले जाया गया ? 2. काफिले में और भी गाड़ियां थी, एक्सीडेंट सिर्फ उसी गाड़ी का क्यों हुआ जिसमें विकास बैठा था ? 3. साथ चल रही मीडिया की गाड़ियों को रोकने के लिए चेक पोस्ट लगा दी गई क्यों ? 4. सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये उठता है की जिसपर 60 से ज़्यादा मुकदमें दर्ज हों और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी हो उसके हाथों में हथकड़ी नहीं पहनाई थी क्या? जो एक्सीडेंट होते ही उसने पिस्टल छीन ली और कुछ गोलियां भी चला दीं?