फिल्मी तर्ज पर 30 लाख ले उड़े अपहरणकर्ता, पकड़ को भी नहीं छोड़ा, हाथ मलती रह गई पुलिस
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक बार फिर से बदमाशों ने प्रशासन के पैरों तले से जमीन खिसका दी. मामला उस वक्त का है जब अपहरणकर्ताओं ने युवक के परिवार से फिरौती के 30 लाख रुपए ले लिए और युवक भी नहीं छोड़ा. परिवार ने आरोप लगाया कि यह पैसे पुलिस की निगरानी में दिए गए थे फिर भी पुलिस युवक को नहीं छुड़ा सकी. मालूम हो कि कानपुर के बर्रा-5 निवासी लैब टेक्नीशियन का 22 जून को अपहरण हो गया था. अपहरणकर्ताओं ने फोन करके उसके परिवार से 30 लाख की फिरौती मांगी. इस मामले के बारे में परिजनों ने एसपी साउथ व बर्रा इंस्पेक्टर को जानकारी दी. पुलिस के कहने पर परिजनों ने गुजैनी हाईवे से झांसी रेलवे लाइन के पास पुल से 30 लाख रूपए भरा बैग नीचे फेंका. परिजनों ने बताया कि पुलिस 100 मीटर दूरी से अपहरणकर्ताओं पर नजर बनाए हुए थी लेकिन फिर भी वह पैसों से भरा बैग लेकर वहां से निकल गए. बेटे के वापस ना मिलने पर परिवारवालों ने पुलिस पर अपहरणकर्ताओं के साथ मिले होने का आरोप लगाया है. परिजनों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर फिरौती की रकम जुटाई थी. साथ ही उन्होंने पुलिस को लगातार फोन रिकॉर्डिंग और पल-पल की जानकारी दी, फिर भी पुलिस अपहरणकर्ताओं को ट्रेस ना कर पाई. अपहृत युवक की बहन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने विश्वास में लेकर अपहरणकर्ताओं को फिरौती के रुपए देने को कहा था. परिजनों ने बताया कि पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को ट्रेस करने के लिए बैग में मोबाइल भी रखवाया था. अब पुलिस ने कहा कि ऊंचाई से गिरने के कारण मोबाइल टूट गया जिससे उन्हें ट्रैक नहीं किया जा सका. इस मामले पर सरकार को घेरते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर में अपहरण की घटना के बाद बेबस और मजबूर परिजनों द्वारा सूचित करने के बावजूद भी पुलिस के सामने से फिरौती की रकम ले जाने वालों के ऊपर आखिर किसका हाथ है कि उन्हें अब पुलिस से भी डर नहीं लग रहा है. लगता है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में नैतिकता का अपहरण हो गया है. मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बदमाशों ने कानपुर में एक युवक का अपहरण कर लिया अपहरण करने वालों ने परिवार से फिरौती मांगी परिवार में सब कुछ दांव पर लगाकर 30 लाख इकट्ठा किए. पुलिस ने परिजनों से पैसे का बैग भी अपहरणकर्ताओं के हवाले करने को कहा, फिर भी ना बदमाशों को पकड़ सकी. ना ही उनका बेटा छुड़ा सकी. यह उसी कानपुर का मामला है जहां कुछ दिनों पहले इतनी बड़ी घटना घटी थी. अब आप यूपी की कानून व्यवस्था का इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं.