छह दिन तक पुलिस को छकाने वाला गैंगस्टर विकास दुबे 24 घंटे में ही हुआ ढेर
कानपुर. कानुपर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले कुख्यात अपराधी को गुरुवार की सुबह उज्जैन में अरेस्ट कर लिया था. यूपी एसटीएफ उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी काफिले की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे के बाद भी विकास दुबे ने पुलिस से बंदूक छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था इसी दौरान पुलिस ने पुलिसकर्मियों के हत्यारे को गोली मार दी. घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसकी मौत हो गई. मौत की सूचना जैसे ही विकास दुबे की मां को मिली वैसे वो सुधबुध खो बैठी. वह उल्टासीधा बोल रही हैं. लोग उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं वे कुछ भी समझने की कोशिश नहीं कर रहीं. छह दिन तक पुलिस छकाने वाले विकास दुबे को पुलिस ने कानपुर आकर 24 घंटे में ही ढेर कर दिया. पुलिस को विकास दुबे की तलाश में भले ही एक सप्ताह लगा हो लेकिन उसे ढेर करने में महज 24 घंटे. दो जून को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद गायब हुआ विकास दुबे गुरुवार को उज्जैन के महाकाली मंदिर के बाहर से पकड़ा गया. हालांकि अब तक उसके आठ गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में ठिकाने लगा दिया. छह दिनों तक पुलिस को छकाया छह दिन तक पुलिस को हरियाणा, दिल्ली, यूपी, छकाता रहा लेकिन गुरुवार को उसे उज्जैन पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. पुलिस के पकड़ने से पहले वो जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि मैं ही विकास दुबे हूं कानपूर वाला, मेरे बारे में सूचना पुलिस को दे दो. ऐसे पुलिस को भगाता रहा शातिर विकास दुबे कानपुर शूटआउट के बाद से भागा फिर रहा विकास दुबे यूपी एसटीएफ के हाथ आते-आते रह गया था. एसटीएफ ने विकास को फरीदाबाद में घेरने की पूरी तैयारी कर ली थी. विकास के एक होटल में छिपे होने की जानकारी मिली थी लेकिन मुख्य आरोपी विकास दुबे एसटीएफ के हाथ से निकल गया था कानपुर हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वो फरीदाबाद में एक होटल में कमरा लेने पहुंचा था लेकिन डाक्यूमेंट्स नहीं होने की वजह से उसे कमरा नहीं मिला. जानकारी मिलते ही एसटीएफ होटल पहुंची लेकिन तब तक वह वहां से निकल चुका था. यूपी एसटीएफ ने फरीदाबाद में उसके दो करीबियों को हिरासत में लिया था. उसने अभी भी पूछताछ चल रही है. एसटीएफ को आशंका थी कि विकास दुबे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में घूम रहा है. जानकारी के मुताबिक विकास दुबे का करीबी अमर दुबे भी उसके साथ फरीदाबाद में ही था लेकिन एसटीएफ के दबाव में उसे वहां से भागना पड़ा. वह हमीरपुर के मौदहा स्थित अपने रिश्तेदार के यहां छिपने जा रहा था लेकिन एसटीएफ ने विकास दुबे के सभी करीबियों और रिश्तेदारों के यहां नजर बना रखी थी. जब पुलिस और एसटीएफ ने उसे घेरा तो उसने तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद जवाबी फायरिंग में वह ढेर हो गया. मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मौदहाए मनोज शुक्ला और एक एसटीएफ का सिपाही भी गोली लगने से घायल हुए हैं. आखिरी लोकेशन फरीदाबाद में मिली थी विकास दुबे की उधर मुख्य आरोपी विकास दुबे लगातार फरार चल रहा हैण् उसे भी अपने एनकाउंटर का शक था. बताया जा रहा है कि वह अपने वकीलों के माध्यम से कोर्ट में सरेंडर करने की फ़िराक में था . उसकी लास्ट लोकेशन फरीदाबाद में मिली थीए जब वह एक होटल में रुकने के लिए कमरा लेने पहुंचाण् लेकिन जब तक पुलिस पहुंचतीए वह चला गया थाण् अब फरीदाबाद से उसके दो करीबियों को एसटीएफ ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी ण् लेकिन बाद में भागता हुआ उज्जैन पहुंच गया जहां से गुरुवार को उसे पकड़ लिया और शुक्रवार को मुठभेड़ में मार गिराया.