2017 में बनाई थी कारोबारी को उठाने की योजना, लॉकडाउन में दिया अंजाम, एक गिरफ्तार

अलीगढ़. 15 दिन पूर्व इगलास में हुए कारोबारी के अपहरण के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हिस्से में आए 80 हजार रूपये में से 10 हजार बरामद किए. उसके पास से एक तमंचा भी बरामद किया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ अभियोग दर्ज कर लिय़ा. इंस्पेक्टर इगलास मानवेंद्र त्यागी ने बताया कि मंगलवार को एसएसआई नरेश सिंह, एसआई चरन सिंह ने चेकिंग के दौरान हाथरस रोड स्थित तोछीगढ़ मोड़ के पास से एक युवक को दबोच लिया. पूछताछ पर उसने अपना नाम संतोष निवासी गांव महामौनी मुरसान हाथरस बताया. उसके पास से फिरौती की रकम में से 80 हजार रुपये मिले थे, जिनमें से उसके पास से 10 हजार रुपये बरामद हुए. इसके साथ ही उसके पास से तमंचा भी बरामद किया. पूछताछ के दौरान दबोचे गए युवक ने बताया कि घटना की योजना उसने अपने साथी राकेश, जयपाल के साथ मिलकर 2017 में बनाई थी, लेकिन वह जेल चला गया और यह अपहरण की योजना खटाई में पड़ गई. लाॅकडाउन से पहले वह जेल से छूटा और पिंटू निवासी राया के साथ मिलकर उसने दोबारा योजना बनाई. पिंटू ने अपनी फुफेरे भाई विनोद जाट निवासी महामौनी मुरसान हाथरस को जयपाल निवासी हरिकन्ना इगलास ने फैक्ट्री मालिक सुरेंद्र जिंदल का अपहरण कर मोटी रकम वसूलने की बात बताई. विनोद ने अपने भरतपुर के साथी विनोद निवासी पथैना के साथ जयपाल को लेकर चचेरे भाई संतोष के घर योजना तैयार की और 16 जून को सभी लोग स्काॅर्पियों में सुरेंद्र की फैक्ट्री की ब्रेजा कार को ओवरटेक कर रूकवाया. जिसके बाद उसका अपहरण किया फिर छह लाख रूपये लेकर उसे छोड़ दिया. पुलिस के मुताबिक इस घटना में राकेश निवासी इगलास भी शामिल रहा है. पुलिस ने इस घटना में फरार विनोद जाट, जयपाल, विनोद राजस्थान पर 25-25 हजार का ईनाम भी घोषित कर दिया है. बता दें कि गांधीपार्क के मोहल्ला शीशियापाड़ा निवासी सुरेश चंद की इगलास में हरेलक्ष्मी स्टील के नाम से फैक्ट्री है. फैक्ट्री स्वामी 16 जून की सुबह घर से ब्रीजा कार से भौरा गौरवा स्थित फैक्ट्री को जा रहे थे. रास्ते में भौरा गौरवा मोड़ से आगे जाकर पीछे से आ रहे स्कार्पियो सवार चार पुलिस बर्दीधरी बदमाशों ने ओवर टेक करके गाड़ी को रोककर उनका अपहरण कर लिया. व्यवसायी के फोन से उसकी पत्नी से 20 लाख की फिरौती मांगी. पत्नी ने बदमाशों को छह लाख रुपये देकर पति को मुक्त कराया था.