ताजमहलः भड़के उद्यमी, क्यों कहा, टैक्स बढ़ाया तो सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे
आगरा. कोरोना महामारी से खराब आर्थिक हालात से गुजर रहे नगर निगम ने बजट अधिवेशन में अपनी आय बढ़ाने के लिए ताजमहल समेत अन्य दर्शनीय स्मारकों की टिकट पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम अधिकारियों की मंशा पर पर्यटन उद्यमी भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले ही पथ कर के नाम पर पूरे देश में अकेले आगरा ही पर्यटकों से ₹500 वसूल रहा है और नगर निगम पथकर से भी हिस्सा ले रहा है, फिर नए टैक्स की क्या आवश्यकता है? होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान का कहना है कि नगर निगम की बुनियादी जिम्मेदारी सफाई की है. वह पथकर से अपना हिस्सा ले रहा है. अगर नगर निगम ने टिकट पर अतिरिक्त टैक्स बढ़ाने का प्रयास किया तो हमें सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ेगा तो हम जाएंगे लेकिन ताज महल की टिकट पर कोई नया कर नहीं लगने देंगे. गाइड एसोशियन के अध्यक्ष शमशुद्दीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोरोना के बाद हमें आगरा को सस्ते डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना चाहिए, ना कि टैक्स का बोझ लगाकर इसे पर्यटकों से दूर कर दें. एडीए के पथकर को भी कम किए जाने की आवश्यकता है ताकि पर्यटक ज्यादा से ज्यादा आगरा में रुकने को प्रेरित हो और हमारी पटरी से उतरी हुई गाड़ी फिर से दौड़ने लगे. आईटो ने की ताज खोलने की मांग इसी के साथ इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर ने ताजमहल खोलने की मांग की है. आईटो के सुनील गुप्ता ने कहा कि अनलॉक के दौरान सभी तरह के यातायात रेल, बस और हवाई जहाज को खोला जा चुका है तो फिर ताजमहल समेत अन्य स्मारकों, पर्यटन स्थलों को भी खोला जाना चाहिए. इससे दुनिया में अच्छा संदेश जाएगा कि भारत सुरक्षित है. वैसे भी कोरोना के बाद हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। 100 दिन से चल रही ताजमहल की बन्दी से इससे जुड़े 4 लाख लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है. संक्रमण से बचाव के लिए 2 गज की दूरी, मास्क, सैनिटाइजेशन समेत जो एहतियाती उपाय अन्य माध्यमों में अपनाए जा रहे हैं, वही ताजमहल समेत अन्य स्मारकों में किए जा सकते हैं.