कोरोना महामारी, लॉकडाउन जैसे तमाम बंदिशों के बीच 250 करोड़ के ऑर्डर पूरा करने में जुटा चांदी उद्योग

आगरा. कोरोना महामारी, लॉकडाउन जैसे तमाम बंदिशों के बीच आगरा का चांदी उद्योग संभलने की कोशिश में जुटा है. इस बीच करीब 250 करोड़ रुपये के ऑर्डर पूरे करने की कवायद हो रही है. हालांकि ये आंकड़ा बीते वर्ष की तुलना में 50 फीसदी है. अनलॉक 1.0 में सराफा बाजार ठीक से नहीं खुल पा रहा है. इस बीच काम को पटरी पर लाने की पूरी कोशिश हो रही है. आगरा में मुख्य रूप से चांदी की पायल का काम होता है. यहां से विभिन्न राज्यों में आपूर्ति होती है. इसमें उप्र और बिहार प्रमुख है और अप्रैल से जून तक इसका मुख्य सीजन माना जाता है. इस समय उनके पास करीब 500 करोड़ के आर्डर होते हैं. लॉकडाउन के चलते दो माह में कोई काम नहीं था. अब थोड़ा लॉकडाउन खुलने के बाद थोड़ा बहुत काम शुरू होने पर आर्डर भेजने की कोशिश हो रही है. सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल के मुताबिक इस समय औसतन 500 करोड़ रुपये के ऑर्डर होते थे. लॉकडाउन से ऑर्डर आधा हो गया। अब बचे 50 फीसदी आर्डर को तैयार किया जा रहा है. [caption id="attachment_1102" align="alignnone" width="300"] चांदी की फैक्ट्री में काम करते मजदूर[/caption] वहीं सराफा एसोसिएशन के महामंत्री बृजमोहन रेपुरिया के अनुसार लॉकडाउन के कारण लंबित आर्डर को पूरा किया जा रहा है. हालांकि कारोबार अभी प्रभावित है. सराफा कमेटी के सदस्य सैयद सिनवान अली शाह कहते हैं कि इस बार तो पूरा कारोबार ही ध्वस्त हो गया. के मुताबिक उत्पादन क्षमता पहले जैसी करने के लिए कारोबार को बंदिश मुक्त कर देना चाहिए. जिससे व्यापार दोबारा पटरी पर आ सके. आगरा के चांदी उद्योग में 400 कारखानों में लगभग 5000 कारोबारी हैं जिनमें लगभग एक लाख कारीगर काम करते हैं और हर साल लगभग 2000 करोड़ रुपये का टर्नओवर है. जो इस साल लगभग आधा हो गया है.