ताजमहल के पीछे ये विदेशी पक्षी भी देखने को मिलेंगे, पर्यावरण में सुधार होने से लगा जमावड़ा
आगरा। कोरोना काल में लगे लाॅकडाउन में पर्यावरण में सुधार हुआ ताजमहल के आसपास नए-नए तरह के पक्षियों ने अपना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया। यही वजह है कि आगरा में पहली बार फिजेंट टेल्ड जेकाना पक्षी दिखा। लाॅकडाउन के कारण लोगों की गतिविधियों पर रोक लगने से पक्षियों को प्रजनन और भोजन जुटाने में बाधा नहीं हुई लोगों की चहलपहल कम होने के कारण उनके घोंसलों और अंडों को भी नुकसान नहीं हुआ। आगरा में इस बार फिजेंट जेकाना के परिवार के इजाफा हुआ है। ताजमहल के निकट जंगल में घोंसले बनाकर प्रजनन इसकी उपस्थिति दर्ज हुई है। इसने ताज के पीछे अपने घोंसले बनाकर प्रजजन भी शुरू कर दिया है। पक्षी विशेषज्ञ केपी सिंह बताते हैं कि यह जलीय पक्षियों में वेंडर श्रेणी में आता है। यह पक्षी तालाबों, दलदलीय जगह, पानी भरे खेतों, छोटी झीलों आदि में रहकर प्रजजन करता है। इसका प्रजजन करने का समय जूल से सिंतबर तक होता हे। घोंसले में अंडे व चूजों की देखभाल की जिम्मेदारी नर पक्षी की होती है। मादा एक बार में चार अंडे देती है। इन पक्षियों का मुख्य भोजन वनस्पति, जलीय कीट व घोंघा आदि होता है। ये पक्षी बढ़े हैं आगरा में फिजेंट टेल्ड जेकाना के अलावा आगरा में हरा कबूतर, ग्रे होर्नबिल, काॅपर स्मिथ बारबेट, ग्रीन बी ईटर, पर्पल स्वै प हैन, मूरहेन, लेसर विशलिंग डक, ब्रोंज विंग्ड जैकाना, लिटिल ग्रीव, ब्लैक विंग स्टिल्स, व्हाइट ब्रस्टिड वाटर हेन, आइविश, हाउस स्पैरो, ब्राउन राॅकचैट, तोता, कबूतर और बुलबुल आदि पक्षियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।