आगरा कृषि विभाग ने टिड्डी दल के आक्रमण को लेकर जारी किया अलर्ट

आगरा. आगरा कृषि विभाग ने टिड्डी दल के आक्रमण को लेकर अलर्ट जारी किया है. उन्होंने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि एक 1 किलोमीटर लंबा टिड्डी दल जनपद धौलपुर से आगरा में खेरागढ़, फतेहाबाद या बाह तहसील के रास्ते प्रवेश कर सकता है. यह दल आगरा जनपद की खेरागढ़ शहर की सीमा से मात्र 20 किलोमीटर दूर है तथा तीन छोटे-छोटे दल जनपद करौली में भी हैं, जो आगरा की सीमा से 100 किलोमीटर दूर है. जयपुर और  पाकिस्तान की सीमा के मध्य कई सारे टिड्डी दल सक्रिय ये टिड्डी दल राजस्थान- पाकिस्तान, अफगानिस्तान - पाकिस्तान इत्यादि बलुई मिट्टी वाले क्षेत्रों में अंडे देती हैं, जिससे छोटे-छोटे कीट निकलते हैं और बड़े होने पर लाखों करोड़ों की संख्या में उड़ान भरते हुए पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान की सीमा में प्रवेश करते हैं. टिड्डी दल में करोड़ों- अरबों की संख्या में लगभग दो से ढाई इंच के लंबे कीट होते हैं, जो फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं. इन टिड्डी दलों का आकार लगभग 4 किलोमीटर का है. ये दल सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं. किसान टिड्डी दल के आक्रमण के समय निम्न उपाय करें 1) अपने खेतों में आग जलाकर, पटाखे फोड़ कर, थाली-चम्मच बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें. टिड्डी दल के पीछे पीछे डीजे या उच्च ध्वनि वाले यंत्र बजाने से भी टिड्डी दल भागता है 2) कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस 20%EC की 2.5ml मात्रा प्रति लीटर पानी, lambda-cyhalothrin, 4.9%EC की 1ml मात्रा प्रति लीटर पानी, डेल्टामथ्रीन 2.8%EC की 1ml मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव करें. साथ ही कीटनाशक छिड़काव के बाद कम से कम 1 सप्ताह तक पशुओं को हरा चारा ना खिलाए. 3) यह टिड्डी दल शाम को 7 से 8 बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब उड़ान भरता है, अतः इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके इनको, मारा जा सकता है. कृषि विभाग का कहना है कि यदि आपके क्षेत्र में टिड्डी दल दिखाई देता है तो उपरोक्त उपाय को अपनाते हुए तत्काल अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के कर्मचारी, लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान, खंड विकास अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, उप कृषि निदेशक, उप जिलाधिकारी को तत्काल सूचित करें.